मलमास के कारण बैंड-बाजा और बारात बंद

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 May, 2018 12:30 PM

band baja and procession closed due to malmas

इस महीने 16 तारीख से 13 जून तक बैंड-बाजा और बारात पर ज्योतिषीय प्रतिबंध रहेगा। कारण है इस अवधि में अधिक मास होना जिसमें सभी मांगलिक कार्य करने वर्जित माने जाते हैं । यही नहीं, इस साल पूरे नवम्बर विवाह समारोहों पर ग्रहण लगा रहेगा।

इस महीने 16 तारीख से 13 जून तक बैंड-बाजा और बारात पर ज्योतिषीय प्रतिबंध रहेगा। कारण है इस अवधि में अधिक मास होना जिसमें सभी मांगलिक कार्य करने वर्जित माने जाते हैं । यही नहीं, इस साल पूरे नवम्बर विवाह समारोहों पर ग्रहण लगा रहेगा। 25 सितम्बर से 9 अक्तूबर तक श्राद्ध रहेंगे। 16 अक्तूबर से 4 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेगा और 10 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक गुरु अस्त रहेगा। ये दोनों ग्रह ही विवाह का शुभ समय तय करते हैं। इसलिए विवाह की तिथियां फिक्स करते समय मुहूर्तों तथा विवाह स्थलों की उपलब्धता पर पहले से ध्यान देने का समय आ गया है। अगले साल 2019 में फिर लोहड़ी के बाद ही शुभ समय आ पाएगा। 


पंचांग के अनुसार वर्ष 2018 में दो ज्येष्ठ माह होंगे। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से साल के 365 दिनों में ही ये तिथियां भी शामिल होंगी। पंचांगानुसार तीन वर्षों तक तिथियों का क्षय होता है। तिथियों का क्षय होते-होते तीसरे वर्ष एक माह बन जाता है। इस कारण हर तीसरे वर्ष में अधिक मास होता है। 


अधिक मास को मलमास, पुरुषोत्तम मास आदि नामों से पुकारा जाता है। जिस चंद्र मास में सूर्य संक्राति नहीं होती, वह अधिक मास कहलाता है और जिस चंद्र मास में दो संक्रांतियों का संक्रमण हो रहा हो उसे क्षय मास कहते हैं। इसके लिए मास की गणना शुक्ल प्रतिपदा से अमावस्या तक की गई है। अधिक मास में शुभ कार्य नहीं किए जाते लेकिन धार्मिक अनुष्ठान कथा आदि के लिए यह महीना उत्तम माना जाता है।  


विशेष बात यह है कि दो ज्येष्ठ वाले अधिक मास का योग 10 साल बाद आ रहा है। इसके पूर्व वर्ष 2007 में ज्येष्ठ में अधिक मास का योग बना था। वर्ष 2018 के बाद 2020 में अधिक होगा।

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