Edited By Jyoti,Updated: 03 Sep, 2019 03:55 PM
मध्यप्रेदश (रोहित): हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों की तरह भाद्रपद की गणेश चतुर्थी से आरंभ होने वाले गणेश उत्सव की भी पूरे देश में अधिक धूम देखने को मिलती है। हर किसी को इस त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।
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मध्यप्रेदश (रोहित): हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों की तरह भाद्रपद की गणेश चतुर्थी से आरंभ होने वाले गणेश उत्सव की भी पूरे देश में अधिक धूम देखने को मिलती है। हर किसी को इस त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इसके शुरू होते ही पूरा देश एक होकर गणेश जी के रंग में रंग जाता है। इस दौरान घरों में गणपति के विभिन्न रूपों की स्थापना होती है। महोत्सव में भक्त तरह-तरह की आकृति वाले गणेश जी की पूजा करते हैं। कहीं मिट्टी से बने हुए तो कहीं फूलों के गणेश जी की पूजा होती है। तो क्या आप इस बार आने वाले गणेशोत्सव को एक नए और कभी न भूलने वाले अंदाज में नहीं मनाना चाहेंगे?
क्या आप पर्यावारण को ध्यान में रखते हुए इस बार इको फ्रेंडली गणेशा को घर लाने का विचार कर रहे हैं तो इस बार गणेश उत्सव पर अपने घर में सुपारी से बने ईकोफ्रेंडली गणेश की करें स्थापना। जी हां, ऐसा ही कुछ बेहद ही खूबसूरत नज़ारा देखने मे आ रहा है मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील मे यहां लोग घरों मे स्थापित होने वाले गणेश जी की प्रतिमा को बाजार में मिलने वाली प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से बनी महंगी मूर्तियों के बजाए सुपारी से युक्त निर्मित गणेश भगवान की मूर्ति को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।
यह सुपारी से निर्मित गणेश भगवान की प्रतिमा को करेली के ह्यूमिनिटी ऑर्गनाइज़ेशन नाम की एक संस्था द्वारा निर्मित कराया गया है संस्था से जुड़े युवाओं के द्वारा मन को मोह लेने वाली सुपारी से बनी बप्पा की मूर्ति को निर्मित कराने के पीछे बेहद ही अच्छी भावना जुड़ी है गणपति बप्पा की ये मूर्तियां किसी डिज़ाइनर या मूर्तिकार ने नहीं बल्कि एक 76 वर्षीय बुजुर्ग महिला के द्वारा निर्मित कराई गई है। उम्र का एक ऐसा पड़ाव जहां आकर बहुत से लोग कुछ रोचक काम न होने के कारण जिंदगी से निराश हो जाते है ऐसे समय मे करेली के युवाओं ने बहुत ही नेक भावना के साथ गणेश महोत्सव आने के पहले ही कुछ ऐसी तरकीब निकाली जिससे एक बुजुर्ग का जीवन खुशनुमा हो उठा इतना ही नहीं इन प्रतिमाओं की बिक्री से जो भी राशि जुड़ेगी यह सब उन बुजुर्ग महिला एवं बस्तियों में रहने वाले गरीब व असहाय बेटे-बेटियों की शिक्षा मे खर्च कर दी जाएगी।
गणेश महोत्सव की तैयारियों के दौरान एक ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा को चुनना बहुत ज़रूरी है। आम तौर पर बाज़ार में मिलने वाली गणेश प्रतिमाएं प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी होती हैं।
हालांकि ये मूर्तियां दिखने मे बहुत आकर्षक होती हैं लेकिन ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के चयन के पीछे एक कारण छिपा है। ये प्रतिमाएं आपके स्वास्थ्य या पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। चूंकि गणेश प्रतिमा को पानी में विसर्जित किया जाता है इसलिए जैव वस्तुओं से बनी प्रतिमाओं का उपयोग करना सुरक्षित होगा।