Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 May, 2018 12:34 PM
धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणपति जी की अर्चना से अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि , सिद्धि की उपलब्धि सहज ही हो जाती है। ऐसे विघ्न विनाशक भगवान श्रीगणेश का निम्र मंत्रों से जप करने से विघ्न,
ये नहीं देखा तो क्या देखा
धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणपति जी की अर्चना से अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि , सिद्धि की उपलब्धि सहज ही हो जाती है। ऐसे विघ्न विनाशक भगवान श्रीगणेश का निम्र मंत्रों से जप करने से विघ्न, आलस्य, रोग आदि का तत्काल निवारण होता है। गणपति जी का बीज मंत्र ‘गं’ है। इनसे युक्त मंत्र ॐ गं गणपतये नम:’ का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है : ॐ वक्रतुंडाय हुम्म्
किसी के द्वारा अनिष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने, विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करनी चाहिए। इनका जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, बताशा, सुपारी होनी चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। उच्छिष्ट गणपति का मंत्र : ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपें : गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र जपें : ॐ गूं नम:
रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करें : ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है : ॐ वक्रतुंडैक दंष्ट्राय क्लीं ह्वीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
इन मंत्रों के अतिरिक्त गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्रोत, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।