Basant Panchami 2021: वीणावादिनी मां सरस्वती की पूजा से मिलेगा ज्ञान का आशीर्वाद

Edited By Jyoti,Updated: 02 Feb, 2021 01:45 PM

basant panchami 2021

16 फरवरी दिन मंगलवार को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। बता दें प्रत्येक वर्ष ये त्यौहार मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है।

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16 फरवरी दिन मंगलवार को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। बता दें प्रत्येक वर्ष ये त्यौहार मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। जिसके उपलक्ष्य में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में मां सरस्वती को संगीत व विद्या की देवी की वीणावादिनी का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा इस दिन और क्या-क्या किया जाता तथा इसका क्या महत्व है, जानने के लिए पढ़े आगे दी गई जानकारी-

बसंत पंचमी 2021 का शुभ मुहूर्त 
बसंत पंचमी तिथि प्रारंभ - 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट से 
बसंत पंचमी तिथि समाप्त - 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक

जैसे कि हमने आपको उपरोक्त बताया कि इस दिन विशेषरूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मगर पूजन विधि के बारे में बहुत कम लोग जानके हैं। तो आपको बता दें इस दिन सबसे पहले देवी सरस्वती की पूजा के लिए प्रातः काल स्नान आदि करके पीले या श्वेत यानि सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद विधि वथ रूप से कलश स्थापना करें। 

फिर श्वेत फूल-माला के साथ माता सरस्वती को सिंदूर व अन्य श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। 

ध्यान रहे इस दिन माता के चरणों में गुलाल जरूर अर्पित करें। साथ ही साथ इन्हें भोग में पीले रंग की मिठाई या खीर का भोग लगाएं। 

पूजा के दौरान निम्न मंत्र से माता का आवाह्न करें। 
''ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः''

इसके अलावा इनके बीज मंत्र का उच्चारण करने मात्र से व्यक्ति की बुद्धि विकसित होती है। 

चूंकि देवी सरस्वती को पीला रंग प्रिय है, इसलिए इन्हें इस दिन पीतरंग के वस्त्र के साथ-साथ पीला चंदन का तिलक ज़रूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही साथ पूजा में फूल भी पीले रंग के ही होने चाहिए। 
पौराणिक कथाओं की मानें को बसंत पंचमी का दिन तमाम तरह के शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। विशेष तौर पर विद्यारंभ, नवीन विद्या प्राप्ति,गृह-प्रवेश आदि के लिए इस दिन को बहुत ही खास माना गया है। 

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार चूंकि इस दिन की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती हैं, इसलिए इस दिन से ही दिन छोटे बच्चों को अक्षर ज्ञान कराया जाता है। तो वहीं स्कूलों एवं शिक्षा संकायों में सरस्वती पूजन किया जाता है, और देवी सरस्वती से ज्ञान वृद्धि की कामना की जाती है। तो वहीं गुरुद्वारों में इस दिन राग बसंत में गुरु के वाणी का कीर्तन किया जाता है। 


 

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