Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Feb, 2019 06:02 PM
बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा गया है। इस दिन कोई भी काम आरंभ किया जाए वह बिना किसी विध्न के पूरा होता है। यह बहुत शुभ मुहूर्त है। यदि आप किसी भी प्रकार की शिक्षा, कोर्स आरंभ करना चाहते हैं या कंपीटीशन के
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बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त कहा गया है। इस दिन कोई भी काम आरंभ किया जाए वह बिना किसी विध्न के पूरा होता है। यह बहुत शुभ मुहूर्त है। यदि आप किसी भी प्रकार की शिक्षा, कोर्स आरंभ करना चाहते हैं या कंपीटीशन के लिए कोई फार्म भरना चाहते हैं तो यह ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अबूझ मुहूर्तों में से एक है। नया व्यवसाय आरंभ करने, गृह प्रवेश या नींव खोदने आदि के लिए विशेष फलदायी मुहूर्त है। बसंत पर आप कलम पूजन भी करवा सकते हैं। 9 फरवरी को पंचमी तिथि दोपहर 12 बजकर 26 मिनट पर आरंभ हो चुकी है और 10 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेेगी। सरस्वती पूजन का समय प्रात: 7:12 से दोपहर 1 बजे तक रहेगा।
मां सरस्वती वाणी की देवी हैं, अत: पत्रकारिता, मीडिया, लेखा, लेखन, छात्र, न्यूजरीडर, टी.वी. कलाकार, गायक, संगीत, वाद्य यंत्र, अध्यापन, ज्योतिष आदि से संबंधित लोगों को आज के दिन सरस्वती पूजन अवश्य करना चाहिए।
विवाह के लिए भी यह अबूझ मुहूर्त है। इस दिन अधिकांश विवाहों का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन संपन्न पाणि ग्रहण संस्कार करने से वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती।
किसकी करें पूजा?
बसंत पंचमी भगवान विष्णु व सरस्वती जी की आराधना का पावन दिवस है। प्रात: काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहन कर धूप दीप, नैवेद्य व लाल रोली से दोनों की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य होना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। सरस्वती की आराधना में सफ़ेद रंग का अत्यंत महत्व होता हैै । अत: इनको अर्पित करने वाला नैवेद्य भी सफेद ही होना चाहिए।
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