Edited By Jyoti,Updated: 11 Jul, 2019 06:23 PM
विवाह शादी का नाम आते ही हर किसी के मन में एक साथ कई सवाल पैदा हो जाते हैं। जैसे कि हमारा होने वाले कैसे होगा, उसकी आदतें कैसी होंगी आदि।
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विवाह शादी का नाम आते ही हर किसी के मन में एक साथ कई सवाल पैदा हो जाते हैं। जैसे कि हमारा होने वाले कैसे होगा, उसकी आदतें कैसी होंगी आदि। अगर ज्योतिष शास्त्र की मानें तो ये सब बातें पर ज्योतिष पर ही निर्भर करती हैं। इसके मुताबिक शादी के तारीख, दिन, समय आदि से ही हमारे होने वाले लाइफ पार्टनर के स्वभाव तक का पता चलता है। तो चलिए बताते हैं शादी के दिन किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
विवाह संस्कार इस माह में निषेध
कहा जाता है जिस महीने में जातक के माता-पिता का विवाह हुआ हो या जिस माह में जातक का जन्म हुआ हो उस माह में विवाह करना हानिकारक माना जाता है।
नक्षत्र नहीं है शुभ
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार है पुष्य और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों में भी शादी करना शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस इन नक्षत्रों के दौरान विवाह आदि करने से बचना चाहिए।
कब करना चाहिए प्रथम संतान का विवाह
माता-पिता को कभी भी ज्येष्ठ माह में अपनी पहली संतान का विवाह नहीं करना चाहिए। इसका कारण ज्येष्ठ माह के साथ-साथ ज्येष्ठ संतान का शुभ संयोग में न होना भी होता है।
ग्रहण काल में भूलकर भी न करें विवाह
सूर्य व चंद्र ग्रहण के तीन दिन पहले और ग्रहण के तीन दिन बाद विवाह आदि करना वर्जित माना जाता है। बता दें इस महीने की इस साल जुलाई महीने में 16 तारीख़ को चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इसके बाद दिसंबर के महीने में 26 तारीख को साल का अंतिम सूर्यग्रहण लगेगा जो भारत में भी दिखेगा।
इन योग में कभी न रखें शादी की तारीख़
अगर गोचर में गुरु, शुक्र और तारा अस्त हो तो विवाह कार्य जैसे काम करने निषेध होते हैं। इसके अलावा खासतौर चतुर्मास में जब भगवान विष्णु शयन करते हैं उस समय से लेकर देवप्रबोधिनी एकादशी के दौरना भी विवाह संस्कार नहीं किया जाना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें इस साल 12 जुलाई से चतुर्मास आरंभ हो रहा है।