Best Motivational Story: होनहार बिरवान के होत चिकने पात

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jun, 2020 10:46 AM

best motivational story

एक बालक प्रतिदिन विद्यालय पढऩे जाता था। घर में उसकी माता थी। मां अपने बेटे पर प्राण न्यौछावर किए रहती थी, उसकी हर मांग पूरी करने में आनंद का अनुभव करती। पुत्र भी पढऩे-लिखने में बड़ा तेज और परिश्रमी था। खेल के समय खेलता, लेकिन पढऩे के समय का ध्यान...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Best Motivational Story: एक बालक प्रतिदिन विद्यालय पढऩे जाता था। घर में उसकी माता थी। मां अपने बेटे पर प्राण न्यौछावर किए रहती थी, उसकी हर मांग पूरी करने में आनंद का अनुभव करती। पुत्र भी पढऩे-लिखने में बड़ा तेज और परिश्रमी था। खेल के समय खेलता, लेकिन पढऩे के समय का ध्यान रखता।

एक दिन दरवाजे पर किसी ने ‘‘माई! ओ माई! पुकारते हुए आवाज लगाई तो बालक हाथ में पुस्तक पकड़े हुए द्वार पर गया, देखा कि एक फटेहाल बुढिय़ा कांपते हाथ फैलाए खड़ी थी।

PunjabKesari Best Motivational Story

उसने कहा, ‘‘बेटा! कुछ भीख दे दो।’’

बुढिय़ा के मुंह से बेटा सुनकर वह भावुक हो गया और मां से आकर कहने लगा, ‘‘मां! एक बेचारी गरीब मां मुझे बेटा कह कर कुछ मांग रही है।’’

उस समय घर में कुछ खाने की चीज थी नहीं, इसलिए मां ने कहा, ‘‘बेटा! रोटी-भात तो कुछ बचा नहीं, चाहे तो चावल दे दो।’’

पर बालक ने हठ करते हुए कहा, ‘‘मां! चावल से क्या होगा? तुम जो अपने हाथ में सोने के कंगन पहने हो, वही दे दो न उस बेचारी को। मैं जब बड़ा होकर कमाऊंगा तो तुम्हें दो कंगन बनवा दूंगा।’’

मां ने बालक का मन रखने के लिए सच में ही सोने का अपना एक कंगन कलाई से उतारा और कहा, ‘‘लो, दे दो।’’

PunjabKesari Best Motivational Story
बालक खुशी-खुशी वह कंगन उस भिखारिन को दे आया। भिखारिन को तो मानो एक खजाना ही मिल गया। कंगन बेचकर उसने परिवार के बच्चों के लिए अनाज, कपड़े आदि जुटा लिए। उसका पति अंधा था। उधर वह बालक पढ़-लिख कर बड़ा विद्वान हुआ, काफी नाम कमाया।

एक दिन वह मां से बोला, ‘‘मां! तुम अपने हाथ का नाप दे दो, मैं कंगन बनवा दूं।’’

उसे बचपन का अपना वचन याद था। पर माता ने कहा, ‘‘उसकी चिंता छोड़। मैं इतनी बूढ़ी हो गई हूं कि अब मुझे कंगन शोभा नहीं देंगे। हां, कलकत्ते के तमाम गरीब बालक विद्यालय और चिकित्सा के लिए मारे-मारे फिरते हैं, उनके लिए तू एक विद्यालय और चिकित्सालय खुलवा दे, जहां नि:शुल्क पढ़ाई और चिकित्सा की व्यवस्था हो।’’ मां के उस पुत्र का नाम था ईश्वरचंद्र विद्यासागर।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!