विश्वकर्मा पूजन: हिन्दू शिल्पी कर्म की उन्नति के लिए करता है इनकी आराधना

Edited By ,Updated: 31 Oct, 2016 08:39 AM

bhagwan vishwakarma jayanti

शिल्पी वर्ग दीपावली के दूसरे दिन शिल्पकला के अधिदेवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है। देवताओं के समस्त विमानादि तथा अस्त्र-शस्त्र इन्हीं के द्वारा निर्मित हैं। लंका की स्वर्णपुरी, द्वारिका-धाम

शिल्पी वर्ग दीपावली के दूसरे दिन शिल्पकला के अधिदेवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है। देवताओं के समस्त विमानादि तथा अस्त्र-शस्त्र इन्हीं के द्वारा निर्मित हैं। लंका की स्वर्णपुरी, द्वारिका-धाम, भगवान जगन्नाथ का श्रीविग्रह इन्होंने ही निर्मित किया। इनका एक नाम त्वष्टा है। सूर्य पत्नी संज्ञा इन्हीं की पुत्री हैं। इनके पुत्र विश्वरूप और वृत्र हुए। सर्वमेघ के द्वारा इन्होंने जगत की सृष्टि की और आत्मबलिदान करके निर्माण कार्य पूर्ण किया। भगवान श्री राम के लिए सेतु निर्माण करने वाले वानर राज नल इन्हीं के अंश से उत्पन्न हुए थे। हिन्दू शिल्पी अपने कर्म की उन्नति के लिए इनकी आराधना करते हैं। 

भगवान विश्वकर्मा कथा: धन-धान्य, पुत्र और सुखी जीवन की इच्छा है तो पढ़ें...


संसार में आज जितना भी विकास हुआ है वह भगवान विश्वकर्मा जी की देन है, जिन्होंने सूई से लेकर जहाज तक बनवाने के गुण अपने पैरोकारों को सिखाए। आज समुद्र, आसमान और जमीन पर जो कुछ भी हो रहा है वह सब विश्वकर्मा जी की देन है। 
    

देव शिल्पी विश्वकर्मा यांत्रिक, वास्तुकला, धातुकर्म, प्रक्षेपास्त्र विद्या, वैमानिकी विद्या के अधिष्ठाता देव हैं। पुरातनकाल में स्वर्ग लोक, लंका, द्वारिका और हस्तिनापुर जैसे नगरों के निर्माणकर्ता भी विश्वकर्मा ही थे। इंद्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पांडवपुरी, सुदामापुरी, शिवमंडलपुरी, पुष्पक विमान, सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं भी इनके द्वारा निर्मित हैं। कर्ण का कुंडल, विष्णु का सुदर्शन चक्र, शंकर का त्रिशूल और यमराज का कालदंड इत्यादि वस्तुओं का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया है। 

 

भगवान श्री राम के लिए सेतु निर्माण करने वाले वानर राज नल इन्हीं के अंश से उत्पन्न हुए थे। हिन्दू शिल्पी अपने कर्म की उन्नति के लिए इनकी आराधना करते हैं।
 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!