Edited By Jyoti,Updated: 12 Jul, 2020 04:09 PM
यूं तो प्रातः उठकर स्नान आदि से निवृत्ति होकर विधिवत सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। परंतु आज कल जहां कुछ लोगों को सुबह उठने में मुश्किल होती है
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यूं तो प्रातः उठकर स्नान आदि से निवृत्ति होकर विधिवत सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। परंतु आज कल जहां कुछ लोगों को सुबह उठने में मुश्किल होती है। तो वहीं कुछ अपने काम-काज में इतना व्यस्त रहते हैं कि वो देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में कुछ लोग मानने लगते हैं कि चूंकि वो विधि वत पूजा अर्चना नहीं कर पाते तो उन पर ईश्वर की कृपा नहीं होगी यानी वो उससे वंचित ही रह जाएंगे। मगर बता दें ऐसा नहीं होता। जी हां, कई बार कुछ मंत्रों का जाप ही व्यक्ति को पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त करवाता है। ऐसे में इसका मतलब ये नहीं हुआ कि जो लोग पूजा पाठ कर सकते हैं, वो उसे छोड़ केवल मंत्र जाप पर निर्भर हो जाएं। ऐसा सिर्फ उन लोगों के साथ होता है जो पूजा-अर्चना करना तो चाहते हैं मगर किसी न किसी कारण वश कर नहीं पाते।
आज भानु सप्तामी के दिन जो लोग भगवान सूर्य की सुबह पूजा करने में सक्ष्म नहीं पाए, बता दें ऐसे लोग केवल कुछ मंत्रों का जाप कर सूर्य देवकी कृपा पा सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि केवल सूर्य देव की सुबह की गई पूजा ही लाभदायक मानी जाती है मगर बता दें ऐसा नहीं है, शास्त्रों में जितना महत्व सूर्योदय को लेकर है उतना ही सूर्यास्त के समय को भी धार्मिक रूप से विशेष माना जाता है।
इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आज के इस शुभ व विशेष दिन पर आपको सूर्य देव की कृपा प्राप्त हो तो निम्न दिए गए मंत्रों का जप करें। सूर्य पूजा के दौरान भगवान सूर्यदेव का आवाहन इस मंत्र के द्वारा करना चाहिए-
जल अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का जप करें-
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरूषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र पाक्ष।
स भूमि ग्वं सब्येत स्तपुत्वा अयतिष्ठ दर्शां गुलम् ।।
सूर्य देव की दूध अर्पित करते हुए इस मंत्र का जप करें-
काम धेनु समूद भूतं सर्वेषां जीवन परम् ।
पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थ समर्पितम्।।
सूर्यदेव की पूजा दीप दर्शन करते हुए ये मंत्र जपें-
साज्यं च वर्ति सं बह्निणां योजितं मया ।
दीप गृहाण देवेश त्रैलोक्य तिमिरा पहम् ।।