Edited By ,Updated: 10 Jan, 2017 11:52 AM
आज 10 जनवरी को मंगलवार और त्रयोदशी तिथि का शुभ संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की आराधना प्रदोष काल में करना शुभ माना गया है।ज्योतिषशास्त्रियों का मानना है की
आज 10 जनवरी को मंगलवार और त्रयोदशी तिथि का शुभ संयोग बन रहा है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की आराधना प्रदोष काल में करना शुभ माना गया है।ज्योतिषशास्त्रियों का मानना है की सूर्य ढलने से रात शुरू होने तक का वक्त प्रदोष काल होता है। इस अवधि के दौरान भगवान शिव का पूजन करने से उनकी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। मान्यता है कि त्रयोदशी तिथि को जब प्रदोष काल का शुभ आगाज होता है तो भोले बाबा प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इस वक्त जो जातक इनका पूजन करता है वह उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन या त्रयोदशी तिथि में व्रत रखने का विधान है। वार के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से विभिन्न इच्छाओं की पूर्ति होती है।
वार के अनुसार प्रदोष व्रत
रवि प्रदोष व्रत- लंबी आयु और स्वस्थ शरीर के लिए
सोम प्रदोष व्रत- जीवन में किसी भी तरह के अभाव को पूरा करने के लिए
मंगल प्रदोष व्रत- बीमारी व कर्ज से मुक्ति के लिए
बुध प्रदोष व्रत- किसी भी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए
गुरु प्रदोष व्रत- शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए
शुक्र प्रदोष व्रत- वैभव, सौभाग्य और जीवनसाथी की संपन्नता के लिए
शनि प्रदोष व्रत- पुत्र रत्न प्राप्त करने के लिए
शनिवार और मंगलवार के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है।
भौम प्रदोष व्रत को शिव पूजन करने से मंगल दोषों का निवारण होता है। मंगलवार की शाम हनुमान चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से अक्षय गुणा फल मिलता है। मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़ और तांबे का दान करना चाहिए।
सूरज ढलने के बाद भगवान शिव और उनके अवतार हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान जी को बूंदी के लड्डू अथवा बूंदी का प्रसाद चढ़ाकर बांटें। फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण करके भोजन करें।