Edited By Jyoti,Updated: 28 Dec, 2018 04:07 PM
हर कोई अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए भगवान का पूजा-पाठ ज़रूर करता है। इसके साथ ही लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देशभर में स्थापित कई मंदिरों के दर्शन करने भी आते हैं।
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हर कोई अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए भगवान का पूजा-पाठ ज़रूर करता है। इसके साथ ही लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देशभर में स्थापित कई मंदिरों के दर्शन करने भी आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में मान्यता प्रचलित है यहां जो कोई भी जाता है उसकी हर कामना ज़रूर सिद्ध होती है। तो चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में जहां तीन देवियां मां दुर्गा, महालक्ष्मी और देवी सरस्वती एक साथ विराजमान हैं। बता दें कि राजस्थान के जयपुर शहर में तीन चौपड़ स्थित है। इन चौपड़ों को त्रिदेवियों (मां दुर्गा, महालक्ष्मी और देवी सरस्वती) का निवास स्थान माना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन चौपड़ों पर मां की मूर्तियां न होकर केवल तीन यंत्र स्थापित हैं।
इन चौपड़ों के बारे में मान्यता है कि अगर किसी की कोई ऐसी इच्छा हो जो अब तक पूरी न हुई हो जयपुर में स्थापित इन तीन चौपड़ों के दर्शन करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
आइए विस्तार में जानते हैं इस मंदिर के बारे में-
इस जगह को लेकर ये मान्यता है कि यहां तीन चौपड़ों में स्थित त्रिदेवियों (मां दुर्गा, महालक्ष्मी और देवी सरस्वती) की पूजा करने से व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पूजा करने वाले पुजारी और विद्वानों द्वारा छोटी चौपड़ पर मां सरस्वती का यंत्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा रामगंज नामक चौपड़ पर मां दुर्गा का यंत्र और बड़े चौपड़ में महालक्ष्मी का यंत्र स्थापित किया गया है। बता दें कि बड़े चौपड़ पर देवी लक्ष्मी का शिखरबंध मंदिर स्थित है जिसका नाम माणक चौक के नाम पर रखा गया है। इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां मंदिर में नंदी पर सवार मां पार्वती और भगवान शिव के दुर्लभ विग्रह देखने को मिलते हैं।
कहा जाता है माणक चौक चौपड़ पर बने लक्ष्मीनारायण मंदिर के निर्माण में बीच बाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मान्यता है कि इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान के बाद मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा को स्थापित किया गया। बता दें कि इस प्रतिमा की सबसे खास बात ये है कि ये एक ही शिला में निर्मित की गई है। जिसमें श्री हरि विष्णु के वाम भाग में महालक्ष्मी विराजमान हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर गरुड़ देवता विराजमान हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर की रक्षा करते हैं। तो अगर आप भी चाहते हैं साल के नए साल पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो तो एक बार यहां ज़रूर दर्शन करके आइए।
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