Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 May, 2022 09:17 AM
जो मनुष्य इस विज्ञान को समझ जाएगा वही ब्रह्मज्ञानी बन सकता है। अब इसको ध्यान से पढ़ें और मनन
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Brahm Giani: जो मनुष्य इस विज्ञान को समझ जाएगा वही ब्रह्मज्ञानी बन सकता है। अब इसको ध्यान से पढ़ें और मनन करें।
इस पृथ्वी लोक पर सबसे बड़ा है नाम, नाम से बड़ी है वाणी क्योंकि वाणी ही नाम का उच्चारण करती है, वाणी से बड़ा है मन, क्योंकि मन ही सोचता है तो वाणी बोलती है। मन से बड़ा है चित क्योंकि जो चित में आता है वही मन सोचता है। चित से बड़ा है ध्यान क्योंकि ध्यान से चित क्रियान्वित होता है। ध्यान से बड़ा है विज्ञान क्योंकि विज्ञान ही ध्यान को प्रेरित करता है। विज्ञान से बड़ा है बल क्योंकि बल होगा तो विज्ञान भी काम करेगा। बल से बड़ा है अन्न क्योंकि अन्न से बल मिलता है।
अन्न से बड़ा जल है क्योंकि जल ही 84 लाख योनियों जो जीवन देता है। जल से बड़ा है तेज (अग्नि) क्योंकि तेज से जल उत्पन्न होता है। तेज से बड़ा है आकाश क्योंकि आकाश से तेज की उत्पत्ति होती है। आकाश से बड़ा है स्मरण क्योंकि स्मरण ब्रह्म है। स्मरण से बड़ी है आशा क्योंकि आशा से स्मरण उत्पन्न होता है । आशा से बड़े प्राण हैं क्योंकि 5 प्राण ही जीवन देते हैं। इनमें रमण करने वाला और इनको जानने वाला ही ब्रह्मज्ञानी होता है।