Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jul, 2018 04:48 PM
सोमवार, 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से सभी शुभ कामों पर 4 महीने के लिए ब्रेक लग जाएगा। हिंदू पंचांग की मानें तो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक विवाह, सगाई, उपनयन संस्कार, भवन निर्माण, गृहप्रवेश
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सोमवार, 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से सभी शुभ कामों पर 4 महीने के लिए ब्रेक लग जाएगा। हिंदू पंचांग की मानें तो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक विवाह, सगाई, उपनयन संस्कार, भवन निर्माण, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीर सागर में विश्राम के लिए जाते हैं। देवोत्थान यानी देवउठनी एकादशी पर पुन: सृष्टि का संचालन अपने हाथों में ले लेते हैं। ये चार महीने चार्तुमास के नाम से जाने जाते हैं। पुराणों में कहा गया है इन दिनों में सामान्य दिनों से अधिक धर्म-कर्म, पूजा-पाठ और भजन-जप, र्कीतन आदि करना चाहिए। मंदिर में दीपदान करना, रात्रि हरिनाम संकीर्तन करना और तुलसी पूजन करने से भगवान श्री हरि विष्णु अधिक प्रसन्न होते हैं।
देवशयनी एकादशी से शुरु किए गए पुण्यकर्मों का फल भी करोड़ों गुणा अधिक है। ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, यज्ञों में अश्वमेध यज्ञ, नदियों में गंगा, देवताओं में भगवान विष्णु तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार समस्त व्रतों में एकादशी व्रत सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए सभी लोगों को एकादशी व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए।
27 जुलाई सावन पूर्णिमा से श्रावण का महीना आरंभ होगा। एक महीने तक हर शिव भक्त भोले बाबा को प्रसन्न करने का प्रयास करेगा। भाद्रपद में गणेश चतुर्थी का त्यौहार आएगा, जो 13 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक रहेगा। बप्पा अपने भक्तों के घर में विराजित होंगे। 10 अक्तूबर से लेकर 18 अक्तूबर तक शिवशक्ति का पर्व शारदीय नवरात्र मनाया जाएगा। इसी तरह नवंबर में भी पंच महोत्सव के साथ बहुत से त्यौहार मनाए जाएंगे।
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