Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Jul, 2018 11:17 AM
घर की रसोई से लेकर धर्म-कर्म का कार्य हो या फिर ज्योतिष से संबंधित, हर काम में शुभ और मंगलकारी हल्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा भी कहा जा सकता है की इसके बिना सभी धार्मिक काम अधूरे हैं।
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घर की रसोई से लेकर धर्म-कर्म का कार्य हो या फिर ज्योतिष से संबंधित, हर काम में शुभ और मंगलकारी हल्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा भी कहा जा सकता है की इसके बिना सभी धार्मिक काम अधूरे हैं। ग्रहों से जुड़ी हर समस्या का अंत करती है हल्दी, इसके पीले रंग को देव गुरू बृहस्पति के साथ जोड़ा जाता है। वैसे तो यह कई रंगों की होती है, उसी के आधार पर ग्रहों से इसका संबंध होता है। ज्योतिष विद्वान कहते हैं, गुरू ग्रह को मजबूत करने में हल्दी के प्रयोग करने चाहिए। यह दैवीय गुणों से भरपूर औषधि है। जो भोजन में स्वाद से लेकर जीवन में संपन्नता लाती है।
जो लोग पीला पुखराज खरीद कर नहीं पहन सकते वो गुरुवार की सुबह गांठ वाली पीली हल्दी को पीले धागे में बांधकर या पिरोकर गले में डालें। संभव न हो तो बाजू पर भी बांध सकते हैं।
हल्दी की माला बृहस्पति वार को धारण करने से विद्यार्थीयों का मन पढ़ाई में रमने लगता है, गुरु ग्रह संबंधित समस्त दोषों का निवारण होता है और मानसिक शांति मिलती है।
कर्ज से परेशान हैं तो गणेश जी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं।
मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप हल्दी की माला पर करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पीलिए के रोगी हल्दी की माला धारण करें तो जल्दी ही रोग मुक्त हो जाते हैं।
बृहस्पति वार को “ॐ ब्रम्ह बृहस्पताये नम:” का जाप हल्दी की माला पर करने से जीवन के समस्त संघर्षों से मुक्ति मिलती है। प्रातःकाल जप के समय माला नाभी के समीप होनी चाहिए, दोपहर में हृदय और शाम को मस्तक के सामने।
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