Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 May, 2019 10:17 AM
हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 मई, शनिवार को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाए जाने का विधान है। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार भी लिया था। 2019 में आने वाली बुद्ध...
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हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 मई, शनिवार को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती मनाए जाने का विधान है। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार भी लिया था। 2019 में आने वाली बुद्ध पूर्णिमा पर 502 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ योग बनेगा। मंगल-राहु मिथुन राशि में वास करेंगे और उनके बिल्कुल अपोजिट शनि-केतु धनु राशि में रहेंगे। इसे एक दुर्लभ योग कहना गलत न होगा। सूर्य और गुरु भी एक-दूसरे पर नज़र बनाए रखेंगे। इससे पहले 16 मई 1517 में ऐसा दुर्लभ संयोग बना था। भविष्य में 205 वर्ष बाद फिर से ऐसा संयोग 2 जून 2224 को बनेगा।
इस योग के प्रभाव से मंहगाई आसमान छूएगी। जो अर्थव्यवस्था को हिला कर रख देगी। वैशाख पूर्णिमा के दिन विशाखा नक्षत्र रहने वाला है। इसके स्वामी गुरु हैं। नवांश में शनि अपनी नज़र सूर्य पर गढ़ाए बैठे हैं। जिसके परिणामस्वरूप वर्ल्ड के किसी खास स्थान पर भूकंप के भी योग बन रहे हैं। अन्य प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 18 मई की प्रात: लगभग 4 बजकर 10 मिनट से आरंभ हो जाएगा और रात औसतन 2 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। पूर्णिमा की सुबह पवित्र नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। जब आप नदी में स्नान करें तब जल में अपनी उंगली से त्रिभुज बनाएं। बीच में ‘ह्रीं’ लिखें। उस त्रिभुज के बीच में डुबकी लगाकर स्नान करने से शरीर की समस्याएं दूर होती हैं एवं शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
यदि पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर स्नान करते वक्त जल में त्रिभुज बनाकर ॐ का उच्चारण करें। फिर त्रिभुज वाले जल से स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।