Edited By Jyoti,Updated: 03 May, 2020 04:25 PM
वैसाख माह का पूरा माह ही पावन माना जाता है। मगर इस में चार चांद लगाते हैं तमाम पर्व और त्यौहार। इस दौरान वैखाख पूर्णिमा, वैसाख अमावस्या, कूर्म जयंती, बुद्ध जयंती, आदि जैसे कई पर्व पड़ रहे हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वैसाख माह का पूरा माह ही पावन माना जाता है। मगर इस में चार चांद लगाते हैं तमाम पर्व और त्यौहार। इस दौरान वैखाख पूर्णिमा, वैसाख अमावस्या, कूर्म जयंती, बुद्ध जयंती, आदि जैसे कई पर्व पड़ रहे हैं। इसी सूची में शामिल है बुद्ध पूर्णिमा। बता दें इस माह यानि वैसाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 07 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी, जो प्रत्येक वर्ष इसी महीने में आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैसाह माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु ने बुद्ध अवतार में जन्म लिया था। अपने इसी अवतार में इन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी।
शास्त्रों में इनके बारे में जो वर्णन मिलता है उसके अनुसार इन्होंने पूरी दुनिया को सत्य और मानवता का पाठ पढ़ाया। तो आइए जानते हैं इनके द्वारा दिए गए कुछ अनमोल वचन-
शक, जो आज कल के समय हर दूसरे रिश्ते को खराब कर रहा है। भगवान बुद्ध ने कहा है कि शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है। ये शक लोगों को एक-दूसरे को अलग करता है। बल्कि शक को एक ऐसा जहर कहा गया है जो आपसी प्यार व मित्रता को खत्म करता है और अच्छे खासे रिश्तों को तोड़कर जीवन को बर्बाद कर देता है।
हर किसी के जीवन में तीन ऐसी चीज़ें होती हैं जो ज्यादा देर तक छिप नहीं सकतीं वो है- सूर्य, चंद्रमा और सत्य।
अक्सर लोगों को कहते सुना जाता है कि खुशियां बांटनी चाहिए गम नहीं। क्योंकि एक जलता हुआ दीपक हजारों दीपको को रोशन करने की क्षमता रखता है, फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती है। उसी तरह खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, कम नहीं होती।
हमारे आसपास बुराई का होना भी ज़रूरी है ताकि अच्छाई उसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सके।
मनुष्य के पास स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफादारी सबसे बड़ा संबंध है।