बुध प्रदोष व्रत: सूर्यास्त के बाद ऐसे करें महाकाल को प्रसन्न

Edited By Jyoti,Updated: 21 Jan, 2020 04:21 PM

budh pradosha vrat in hindi

हर माह की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को दिन केअनुसार नाम दिए गए हैं। जैसे अगर ये सोमवार को पड़े तो इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर माह की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को दिन केअनुसार नाम दिए गए हैं। जैसे अगर ये सोमवार को पड़े तो इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। कल यानि 22 जनवरी, 2020 बुधनार के दिन प्रदोष व्रत पड़ रहा है, जिसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। वैसे को प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित है, इस दिन प्रदोष काल यानि संध्या काल अर्थात शाम के समय इनकी विधि-वत पूजा की जाती है, परंतु क्योंकि बुधवार इनके पुत्र गणेश जी को समर्पित हैं इसलिए इ, दिन इनके साथ-साथ इनकी यानि गणपति बप्पा की भी आराधना की जाती है।
PunjabKesari, गणेश जी, Ganesh ji, Lord Sri ganesh
ज्योतिष शास्त्र के इस बार के बुध प्रदोष को बहुत खास माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस दिन शुभ संयोग बन रहा है जिस दौरान व्रत रखकर भगवान शंकर एव श्री गणेश जी की सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में पूजा आराधना करनी अधिक फलदायी मानी जाएगी। तो आइए जानते हैं कृष्ण पक्ष के बुधवारी प्रदोष व्रत के दिन गणेश जी और भगवान शंकर को कैसे प्रसन्न किया जाए।

जिस व्यक्ति के जीवन में एक साथ बहुत से परेशानियां आ गई हों तो और उसे किसी भी काम में सफलता नहीं मिल रही हो तो बुध प्रदोष के दिन उपवास रखकर प्रातः श्री गणेश जी की एवं प्रदोष काल सूर्यास्त के समय भगवान शिव जी की विशेष पूजा अर्चना करें। फिर बाद में मीठे जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसी मान्यता है कि इससे हर तरह की परेशानी से निजात मिल जाती है। तथा अनेक कामनाओं की पूर्ति भी होने लगती है।

इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव जी की विशेष पूजा करने से  एक जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म-जन्मान्तर के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।
PunjabKesari, Shiv ji, शिव जी, भोलेनाथ
इस दिन करें ये खास उपाय-
अपने सभी तरग पापों के नाश हेतु 22 जनवरी से शुरू होकर 17 अप्रैल तक बुधवारी प्रदोष व्रत अवश्य करें।

सूर्यास्त के समय किसी शिव मंदिर में जाकर 251  बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥


गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करते हुए ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

108  बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।

उक्त पूजा करने के बाद शिव जी को ऋतुफल का भोग लगाएं, एक श्रीफल भेट करने के बाद दंडवत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना करें।
PunjabKesari, Om namah Shivay
ध्यान रहें अगर पूजा के बाद आपको कोई दरिद्र मिल जाए तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!