Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 12:49 PM
टीकमगढ़: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ओरछा में भगवान श्री राम के 444 वें जन्म उत्सव के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम कल से प्रारंभ हो गया। इस धार्मिक उत्सव में देश तथा विदेश से बडी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। प्रशासन...
टीकमगढ़: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ओरछा में भगवान श्री राम के 444 वें जन्म उत्सव के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम कल से प्रारंभ हो गया। इस धार्मिक उत्सव में देश तथा विदेश से बडी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी पुण्ता इंतेजाम किए गए हैं। इस वर्ष इस धार्मिक और सांस्कृमिक कार्यक्रम को जिला प्रशासन द्वारा विषेष रूप से भव्यता प्रदान की जा रही है। 21 मार्च को मंदिर से जाते समय स्थानीय लोगो ने संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में गोभक्त मलूकपीठाधीश्वर संत डॉ राजेन्ददास से कार्यक्रम की भव्यता का अनुरोध किया था। ओरछा का रामराजा मंदिर भगवान राम-जानकी की मूल प्रतिमाओं के लिए उत्तर भारत मे विशेष स्थान रखता है।
इसी कारण यहां प्रतिवर्ष औसतन पांच लाख से अधिक धर्मपिपासु स्वदेशी पर्यटक आते हैं और लगभग 20 हजार से अधिक विदेशी पर्यटक ओरछा की पुरातात्विक महत्व के खूबसूरत महलों, विशाल किले, शीश महल, जहांगीर महल, रायप्रवीण महल, लक्ष्मी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, बेतवा नदी के तट पर स्थित छतरियों और नदी किनारे के जंगल मे घूमने वाले जानवरों की अटखेलियां सहित अनेक ऐतिहासिक इमारतों को निहारने के लिए प्रतिवर्ष आते हैं। ओरछा के रामराजा मंदिर में जड़े शिलालेख के अनुसार भगवान श्री रामराजा सरकार को ओरछा की महारानी गणेश कुंअर चैत शुक्ल नवमीं सोमवार वि.स.संवत् 1631 अर्थात सोमवार सन् 1574 मेें अयोध्या से ओरछा तक पुण्य-पुण्य नक्षत्र के आठ माह 28 दिनों तक पैदल चलकर लाई थीं और सोलह श्रृंगार कर उन्हें अपने रानीमहल मे बिराजमान करा दिया था।