Edited By Jyoti,Updated: 11 Aug, 2019 03:56 PM
गोराया: श्री अमरनाथ यात्रा का समापन वर्षों से पवित्र छड़ी मुबारक पूजन उपरांत होता है। पवित्र छड़ी मुबारक का सोमवार दशनामी अखाड़ा स्थित श्री अमरेश्वर मंदिर में नागपंचमी के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चारण और शंखनाद एवं पूजन से हुआ।
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गोराया: श्री अमरनाथ यात्रा का समापन वर्षों से पवित्र छड़ी मुबारक पूजन उपरांत होता है। पवित्र छड़ी मुबारक का सोमवार दशनामी अखाड़ा स्थित श्री अमरेश्वर मंदिर में नागपंचमी के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चारण और शंखनाद एवं पूजन से हुआ। इस दौरान पवित्र छड़ी श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखी गई। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे लाल चौक से करीब 500 मीटर दूर झेलम नदी के किनारे दशनामी अखाड़ा स्थित भगवान अमरेश्वर महाराज ने भगवान अमरनाथ की पवित्र छड़ी की पूजा की।
छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेन्द्र गिरि ने बताया कि श्रावण मास की नागपंचमी के दिन छड़ी पूजन का विधान है, जिसके बाद छड़ी मुबारक को दर्शन हेतु रखा जाता है। शिव शक्ति का स्वरूप छड़ी मुबारक भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा जहां कुदरती तौर पर हिमशिवङ्क्षलग निर्मित होता है, के लिए प्रस्थान करेगी। आज शाम छड़ी मुबारक पहलगाम पहुंच जाएगी। पहलगाम में विश्राम उपरांत 12 अगस्त को छड़ी मुबारक चंदनबाड़ी के लिए रवाना होगी।
13 अगस्त को शेषनाग एवं 14 अगस्त को पंचतरणी विश्राम उपरांत 15 अगस्त को सुबह पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी, उसी दिन पवित्र यात्रा का मुख्य दर्शन होगा। बाबा बर्फानी के दर्शन करने और पवित्र गुफा में पूजन उपरांत उसी दिन शाम को छड़ी मुबारक पहलगाम पहुंच जाएगी।
कश्मीर में मौजूदा हालात पर महंत ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता-अखंडता और लोगों की सुरक्षा के हित में जो कदम उठाया तथा कुछ दिन यात्रा रोकी, उसका हम स्वागत करते हैं। हम ईश्वर एवं भोलेनाथ भंडारी से प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में फिर हालात सामान्य हों।