Chaitra Navratri 2021: जानिए क्या अखंड ज्योति जलाने के पीछे का महत्व

Edited By Jyoti,Updated: 15 Apr, 2021 02:17 PM

chaitra navratri 2021

जो लोग सनातन धर्म से संबंध रखते हैं उन्हें इस बात का बखूबी ज्ञान है कि प्रत्येक तरह के धार्मिक कार्य में दीपक जलाना अति आवश्यक होता है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जो लोग सनातन धर्म से संबंध रखते हैं उन्हें इस बात का बखूबी ज्ञान है कि प्रत्येक तरह के धार्मिक कार्य में दीपक जलाना अति आवश्यक होता है। खास तौर पर अखंड ज्योति जलाने की परंपरा हमारे सनातन धर्म में प्राचीन समय से चली आ रही है। इसीलिए वर्तमान समय में जब भी कोई व्यक्ति अपने घर में किसी तरह का कोई धार्मिक अनुष्ठान करवाता है तो घर में अखंड ज्योति को प्रज्वलित अवश्य करता है। परंतु क्या आप जानते हैं कि अखंड ज्योति को प्रज्वलित करने का धार्मिक कारण क्या है? और इसे प्रज्वलित करने से किस तरह के लाभ प्राप्त होते हैं? आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने वाले हैं कि आखिर अखंड ज्योति का महत्व क्या है जैसे कि सब जानते हैं कि 13 अप्रैल से इस वर्ष के चैत्र नवरात्रि आरंभ हो चुके हैं इसके साथ ही माता के भक्त उनकी पूजा-अर्चना में लग गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान माता की पूजा के साथ साथ इसके पहले दिन से लोग अपने घर में अखंड ज्योति को प्रज्वलित करते हैं परंतु उनमें से बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इसे प्रज्वलित करने का कारण नहीं पता है।

धार्मिक ग्रंथों की मानें तो पूजा चाहे किसी भी प्रकार की हो उस में दीपक को बहुत खास महत्व प्रदान है असल में दीपक दो प्रकार से प्रचलित किए जाते हैं पहला कर्म दीप जिसे तब तक जलाकर रखना आवश्यक होता है जब तक व्यक्ति किसी देवी या देवता की पूजा करता है। तथा दूसरा अखंड दीप या अखंड ज्योत कोमा इस दीपक को पूरे पर्व के दौरान जलाकर रखना आवश्यक होता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति अपने घर पर रामायण का पाठ करवाता है और अखंड ज्योति प्रज्वलित करता है तो उसे इस बात का खास ख्याल रखना होता है कि अखंड ज्योति इतने दिन तक चलती रहे जितने दिन तक रामायण का पाठ चलता है।

अब बात करें नवरात्रों में अखंड ज्योति के महत्व की इसका पूछना इस दौरान काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस प्रकार अखंड ज्योति का जलते रहना व्यक्ति के आर्थिक प्राप्ति का सूचक होता है।  मगर इस दौरान दीपक को किस तरह से रखना चाहिए दीपक की बाती कैसी होनी चाहिए इन बातों का ख्याल रखना भी आवश्यक होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपक का ताप दीपक से चार अंगुल चारों और अनुभव होना चाहिए क्योंकि यह दीपक भाग्य उदय का सूचक होता है। मारा जाता है जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली होती है वह दीपक मानव जीवन में धन धन की वर्षा कर आता है एवं व्यवसाय में भी तरक्की प्राप्त करवाता है।कुछ लोग निरंतर 1 वर्ष तक अखंड ज्योति भी प्रज्वलित करते हैं बता दे 1 वर्ष तक निरंतर अखंड ज्योति को जलाकर रखने से जीवन में खुशियों की बौछार हो जाती है क्योंकि ऐसा दीपक घर में से वास्तु दोष क्लेश तनाव गरीबी आदि तमाम प्रकार की समस्याओं को हमेशा के लिए दूर कर देता है। परंतु अगर यह दीपक किसी कारणवश या  स्वयं बुझ जाए तो इसे बहुत ही शुभ माना जाता है।


इन बातों का रखें खास ध्यान-
दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए कुछ लोग दीपक से दूसरे दीपक को जलाते हैं ऐसा करना भी अशुभ रहता है रूप में वृद्धि होती है घर में होने वाले मांगलिक कार्यों में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न होने लगती है। इस बात का  ख्याल रखें कि  अखंड ज्योति में घी डार्लिंग का काम या फिर उसमें किसी भी तरह का बदलाव केवल उसी सब को करना चाहिए जिसने अखंड ज्योति जलाने का संकल्प लिया हो यह काम किसी अन्य व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए।


अखंड ज्योत जलाने के लाभ-
कहा जाता है कि नवरात्रों में मां के सामने अखंड ज्योति जलाने से घर में हमेशा मां की कृपा बनी रहती है। इससे घर के लोगों के स्वास्थ्य में भी बेहतरी आती है। साथ ही साथ कहाल़ जाता है कि घी और कपूर की महक से व्यक्ति का स्वास्थ और नर्वस सिस्टम अच्छा रहता है। नवरात्रों में मां की अखंड ज्योति जलाने से पूजा सर पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता। इसके साथ ही साथ घर के सदस्यों के दिमाग में से नकारात्मक सोच का प्रभाव कम होता है तथा उनका मन अधिकतर शांत रहता है दीपक की महक से परिवार के लोगों में प्रेम का वातावरण पैदा होता है।
 

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