Edited By Jyoti,Updated: 26 Jul, 2020 05:39 PM
आचार्य चाणक्य की नीतियां हम आपको समय समय पर बताते रहते हैं। कहा जाता है उस समय यानि प्राचीन काल में इनकी नीतियां उपयोगी थी
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आचार्य चाणक्य की नीतियां हम आपको समय समय पर बताते रहते हैं। कहा जाता है उस समय यानि प्राचीन काल में इनकी नीतियां उपयोगी थी ही, बल्कि आज के समय में भी ये नीतियां उतनी ही लाभकारी मानी जाती है। यही कारण है कि आज हम बहुत से लोग इन नीतियों को अपनाकर अपना जीवन सफल बनाने में लगे हैं, परंतु कई ऐसे भी लोग हैं जो आज भी इनकी नीतियों से अंजान है। तो बता दें हो सकता है कि उन लोगों के लिए हमारी वेबसाइट मददगार साबित हो। क्योंकि यहां हम आपको बताते हैं चाणक्य के नीति सूत्र में शामिल उन खास नीतियों के बारे में जो मनुष्य के जीवन में कई तरह से लाभदायक साबित हो सकती है। तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई एक ऐसी ही नीति के बारे में जिसमें उन्होंने एक ही श्लोक में बताया है कि किसी को कैसे आसानी से अपने वश में किया जा सकता है।
चाणक्य नीति सूत्र-
लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमंजलिकर्मणा।
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।
अर्थ-
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि लालची, घमंडी, मूर्ख और विद्वान को बड़ी ही आसानी से अपने वश में किया जा सकता है। इनके अनुसार लालची मनुष्य को वश में करने के लिए पैसों का सहारा लेना चाहिए। ऐसा करने से लालची व्यक्ति बहुत आसानी से वश में हो जाता है।
इसके अलावा किसी घमंडी व्यक्ति को अधिक सम्मान देकर अपने बस में किया जा सकता है। तो वहीं अगर किसी मूर्ख व्यक्ति को अपने वश में करना हो तो उसी के अंदाज़ में में बात और व्यवहार करके अपने वश में किया जा सकता है। इसके अलावा अगर किसी विद्वान को अपने वश में करना हो तो हमेशा उसके सामने सच बोलना चाहिए। चाणक्य के अनुसार ऐसा विद्वान व्यक्ति के वश में खुद ही चला जाता है।