Edited By Jyoti,Updated: 28 Apr, 2018 04:58 PM
ज्योतिष व वास्तु की मानें तो व्यक्ति की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वो कैसे स्थान पर रहता है। परंतु इस बात का वर्णन केवल ज्योतिष व वास्तु में ही नहीं बल्कि आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र चाणक्य नीति में भी मिलता है।
ज्योतिष व वास्तु की मानें तो व्यक्ति की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वो कैसे स्थान पर रहता है। परंतु इस बात का वर्णन केवल ज्योतिष व वास्तु में ही नहीं बल्कि आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र चाणक्य नीति में भी मिलता है। उनके अनुसार व्यक्ति को अपना घर बसाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो आईए जानते हैं आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई एेसी 5 बातें, जहां कभी घर नहीं बसाना चाहिए।
श्लोक
यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्।।
अर्थात- जहां न तो सम्मान हो, न रोजगार, न दोस्त या रिश्तेदार, जहां न शिक्षा हो, जहां लोगों में कोई गुण न हो, ऐसी जगहों पर किसी को अपना घर नहीं बसाना चाहिए। इन जगहों को तुरंत छोड़ देना ही बेहतर होता है।
कोई सम्मान न हो- जिस जगह आपका सम्मान न हो, कोई आदर न करे सदैव आपका निरादर किया जाता हो, व्यक्ति पर एेसी जगह पर नहीं रहना चाहिए।
रोजगार न हो- जिस जगह रोज़गार का कोई साधन न हो, ऐसी जगह चाहे कितनी भी सुंदर क्यों न हो, उसे छोड़ देना चाहिए।
अपना न हो- जिस जगह के आस-पास आपका कोई रिश्तेदार या कोई दोस्त भी न हो उस जगह को फौरन त्याग देना चाहिए।
शिक्षा न हो- जिस जगह शिक्षा के साधनों की कमी हो, जहां पढ़ाई-लिखाई को कम महत्व मिलता हो, उस जगह को भी छोड़ देना चाहिए।
कोई गुण न हो- जिस जगह आपको सीखने के लिए कोई गुण न हो, लोगों में गुणों का अभाव हो, उस जगह को भी तुरंत छोड़ देना ही अच्छा होता है।