Edited By Jyoti,Updated: 06 Jul, 2019 12:52 PM
05 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2019 में अपना पहला बजट पेशा किया। जिसकी शुरुआत उन्होंने प्राचीन समय के महान विद्वान और नीतिकार की आचार्य चाणक्य की एक नीति से की।
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05 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2019 में अपना पहला बजट पेश किया। जिसकी शुरुआत उन्होंने प्राचीन समय के महान विद्वान और नीतिकार की आचार्य चाणक्य की एक नीति से की। अब इस बात से आपको ये तो पता चल ही गया होगा चाणक्य की नीतियों न केवल उस समय में प्रचलित थी बल्कि आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। तो आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री द्वारा कही गई चाणक्य नीति के बारे में-
बजट के दौरान जिस नीति का ज़िक्र किया गया वो कुछ इस प्रकार है-
कार्यं पुरुषकारेण लक्ष्यं संपद्यते
अर्थात- प्रयत्नपूर्वक किया गया हर काम हमेशा सफल होता है। निर्मला सीतारसण ने चाहे आचार्य चाणक्य की इस नीति का उल्लेख देश की अर्थव्यवस्था के लिए किया मगर अगर हम इसी से जुड़ी कुछ अन्य चाणक्य नीतियां देखें तो किसी भी बिज़नेस, कॅरियर या लक्ष्य की पूर्ति के लिए बताए गए सूत्र सदैव फलदायी होते हैं।
आच्रार्य चाणक्य की इस नीति के अनुसार हर काम को करने से पहले उसकी योजना व अच्छी रणनीति बना लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते तो काम के सफल होने की संभवनाएं कम हो जाती हैं। इसके अलावा इस नीति के द्वारा आचार्य चाणक्य कहते हैं जो लोग काम करते हैं उन्हीं के उपाय फलदायी होते हैं न कि सिर्फ़ ज्ञान देने वाले और योजना बनाने वालों के।
चाणक्य कहते हैं पुरुषार्थ से किया हुआ वही काम सफल होता है जो प्रयत्नपूर्वक किया गया हो, न कि औपचारिकता के लिए।
यहां जानें कार्य करने के तरीके, उसकी योजना बनाने और परिणाम के प्रति आशान्वित होने से जुड़ी खास बातें-
अनुपायपूर्वं कार्यं कृतमपि नश्यति
अर्थ: कार्य शुरू करने से पूर्व उचित उपाय न करने से कार्य नाश होता है।
कार्यार्थिनामुपाय एव सहाय:
अर्थ: कार्य करने वालों के उपाय ही सहायक और फलीभूत होते हैं
कार्यं पुरुषकारेण लक्ष्यं संपद्यते
अर्थ: प्रयत्नपूर्वक किया हुआ कार्य सफल होता है।
कार्यान्तरे दीर्घसूत्रता न कर्तव्या
अर्थ: कार्य आरंभ करने के बाद उसमें ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।
न चलचित्तस्य कार्यावाप्ति
अर्थ: चंचल वृत्तिवाले आदमी से कोई कार्य पूरा नहीं होता।