चाणक्य नीति: स्त्री हो या पुरुष, ये काम कोई किसी को सिखा नहीं सकता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 08:55 AM

chanakya niti

पाटलिपुत्र के महान विद्वान, न्यायप्रिय व्यक्ति आचार्य चाणक्य इतने बड़े साम्राज्य के महामंत्री होने के बावजूद एक साधारण सी कुटिया में रहते थे। चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों को चाणक्य नीति में स्थान दिया

पाटलिपुत्र के महान विद्वान, न्यायप्रिय व्यक्ति आचार्य चाणक्य इतने बड़े साम्राज्य के महामंत्री होने के बावजूद एक साधारण सी कुटिया में रहते थे। चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों को चाणक्य नीति में स्थान दिया, जिन पर अमल करने से जीवन में सफलता आपके कदम चूमने लगेगी। इनके प्रयोग से व्यक्ति को कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन्होंने अपनी नीतियों और सूत्रों में कड़वी लेकिन सच्ची बातें बताई हैं। आज भी इन नीतियों में सुखी और सफल जीवन के सूत्र खोजे जा सकते हैं। चाणक्य ने एक नीति में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया है जो किसी को भी सिखाए नहीं जा सकते अपितु ये गुण उसमें जन्मजात ही होते हैं। 

 

*कोई भी व्यक्ति कितना भी दानवीर है, वह उसके स्वभाव में ही रहता है। किसी भी इंसान की दानशक्ति को कम करना या बढ़ाना बहुत ही मुश्किल है। हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार ही दान-पुण्य करता है।

 

*जीवन में हर पल अलग परिस्थितियां बनती है। एेसे में सही या गलत का निर्णय व्यक्ति स्वयं खुद ही करता है। मुश्किल समय में सही निर्णय लेने का गुण व्यक्ति में जन्म से ही होता है।

 

*धैर्य एेसा गुण है जो व्यक्ति को हर कठिन परिस्थिति से बचाता है। यदि कोई व्यक्ति बिना विचार किए कोई निर्णय कर लेता है तो बाद में हानि उठाता है। व्यक्ति में धैर्य का गुण भी जन्म से ही आता है। कोई किसी को धैर्यवान नहीं बना सकता।

 

*जो व्यक्ति कड़वा बोलता है वह अधिक समय के लिए मीठा नहीं बोल सकता।  ऐसे व्यक्ति को जितना भी समझा लो वह अधिक समय के लिए अपना स्वभाव नहीं बदल सकता। कड़वा बोलने को मीठा बोलना नहीं सिखाया जा सकता।

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