Edited By Jyoti,Updated: 29 May, 2020 12:50 PM
अक्सर कुछ लोगों को देखा जाता है वो किसी न किसी कारण सदैव परेशान रहते हैं। कहने का भाव होता है कि जीवन में हर तरह की खुशी व सुख सुविधा होने का बाद भी वे बिन मतलब परेशान रहते हैं।
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अक्सर कुछ लोगों को देखा जाता है वो किसी न किसी कारण सदैव परेशान रहते हैं। कहने का भाव होता है कि जीवन में हर तरह की खुशी व सुख सुविधा होने का बाद भी वे बिन मतलब परेशान रहते हैं। मगर क्या किसी के दिमाग में ये सवाल आया है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? इसका कारण है? और वो कौन से लोग होते हैं जो बिना किसी बात के परेशान रहते हैं? इस बात का जवाब है मौर्य वंश की स्थापना में अपना योगदान देने वाले आचार्य चाणक्य के पास। जी हां इन्होंने अपनी नीति शास्त्र में उन लोगों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है जो अपने जीवन में हर तरह सुख तो भोगते हैं मगर फिर भी परेशान ही रहते हैं। तो वहीं कुछ ऐसे लोगो भी होते हैं जो किन्हीं और कारणों की वजह से दुखों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इन लोगों के बारे में-
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग स्वभाव से हद से ज्यादा सीधे होते हैं, उन्हें अपने पूरे जीवन में दुख ही भोगना पड़ता है। यही कारण है कि कोई भी व्यक्ति बड़ा आसानी से इनका फायदा उठा जाता है। इनके ऊपर एक कहावत भी सूट करती है कि जैसे जंगल में सीधे खड़े पेड़ों को काट दिया जाता है उसी प्रकार ज़रूरत से ज्यादा सीधा होना खुद के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे चाणक्या यही समझाना चाहते हैं कि सरल, सीधा और सहज स्वभाव वाले लोग चालात और चतुर लोगो को सामने कमज़ोर दिखाई देते हैं। इसलिए उन्हें अपने स्वभाव में बदलाव करना चाहिए। मगर इसका मतलब ये नहीं कि ज़रूरत से ज्यागा तेज़ तरार हो जाएं।
आगे चाणक्य बताते हैं कि चाहे कितना भी दुख क्यों न आ जाए जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को उससे दूर करन के उपाय सोचने चाहिए न कि उससे घबराकर बैठ जाना चाहिए। इसके अलावा आचार्य चाणक्य कहते दुखों से बचने के लिए व्यक्ति को अपनी संगत पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि जिस व्यक्ति की साथी अच्छे न हो यानि वो खराब संगित में पड़ जाए तो उसके जीवन में दुखों का आना लाज़मी होता है। क्योंकि गलत संगत के साथ में होने से व्यक्ति अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना बंद कर देता है।