दुनिया में सबसे कीमती हैं ये 3 चीज़ें, जिसकी कीमत चुकाने के लिए धन नहीं बल्कि...

Edited By Jyoti,Updated: 28 Apr, 2022 04:27 PM

chanakya niti in hindi

वर्तमान समय की बात करें तो हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए पैसों का सहारा लेता है क्योंकि माना जाता है आज के समय में जीवन की हर खुशी केवल पैसों में ही है या कह सकते हैं हर खुशी पैसों से ही खरीदी जा सकती है। वर्तमान समय की बात करें तो हर...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वर्तमान समय की बात करें तो हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए पैसों का सहारा लेता है क्योंकि माना जाता है आज के समय में जीवन की हर खुशी केवल पैसों में ही है या कह सकते हैं हर खुशी पैसों से ही खरीदी जा सकती है। जिसके पास पैसा नहीं, उसकी न तो कोई खुश अपनी होती है, न ही कोई अपना उसके साथ खड़ा रहता है। कुल मिलाकर कहने का भाव है कि वर्तमान समय में पैसे के बिना कुछ नहीं खरीदा जा सकता। लेकिन ठहरिए...अगर हम आप से कहें कि ये कथन गलत है तो?

यकीनन आप में से लगभग लोग यही सोच रहे होंगे कि भला ऐसी क्या है चीज़ है जिसे पैसों के बिना खरीदा जा सकता है। तो आपको बता दें दुनिया में ऐसी 1 नहीं बल्कि 3 चीज़ें हैं। अब आप ये सोच रहे होंगे कि हम आपको जल्दी से वो चीज़ें हैं, ताकि आप इसे खरीद पाएं। तो आपको बता दें इन चीज़ों को कमाने के लिए पैसे भले लगे न लगे, भाव, मेहनत और लग्न जरूर लगती है। तो आइए आपकी उत्सुक्ता को और न बढ़ाते हुए जानते हैं क्या हैं वो 3 चीज़ें, जिनके बारे में आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में वर्णन किया है। 

* सबसे पहली चीज़ की बात करें, इस सूची में सबसे पहले नंबर आता है प्रेम का। जी, धार्मिक शास्त्रों व महान नीतिकार आचार्य चाणक्य की मानें तो प्रेम ही एक ऐसी भावना है जो दुनिया के हर रिश्ते को सहेज कर रखत सकती है। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई आपसे सच्च प्रेम करता है, तो ऐसे लोगों के सामने पैसे का कोई मोल नहीं होता। क्योंकि किसी की सच्ची भावना यानि प्रेम की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है। इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा निकटता बनाई रखनी चाहिए, जो आप से सच्चा प्रेम करते हों, चाणक्य कहते ऐसे लोग आप साथ कभी नहीं छोड़ते फिर चाहे हालात अच्छे हो या बुरे। 
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धार्मिक शास्त्रों व चाणक्य नीति के अनुसार केवल धर्म द्वारा ही मनुष्य की सही-गलत की पहचान होती है। इसुलिए धर्म से ऊपर धन को रखना बेवकूफी होती है। जो व्यक्ति धन कमाने के चक्कर में अपने धर्म को त्याग देता है उसे समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता। तो वहीं धर्म को त्याग देने वाला व्यक्ति हमेशा अच्छाई को छोड़कर बुराई की राह पर चल पड़ता है। इसके स्वरूप वह हर किसी के क्रोध और घृणा का पात्र बन जाता है। 

PunjabKesari, धर्म, Religion

आखिर में सबसे जरूरी चीज़ की आती है, जो है स्वाभिमान। कहा जाता है कि दुनिया में स्वाभिमान से बड़ी कोई चीज़ नहीं है। तो अगर किसी व्यक्ति को इसके लिए अपने कुछ त्यागना पड़े, तो उसे त्याग देना चाहिए, पर स्वाभिमान को कभी दांव पर नहीं लगाना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति धन को अपने जीवन में कभी भ कमा सकता है, परंतु एक बार जब आत्मसम्मा अथवा स्वाभिमान चला जाए तो उसे कमा पाना बेहद कठिन माना जाता है। 
PunjabKesari, Self respect, स्वाभिमान

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