Edited By Jyoti,Updated: 06 May, 2018 03:26 PM
जिस राज्य में महाजन अधिक धन-संग्रह कर लेते हैं, उससे प्रजा के सामने अर्थ संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
श्लोक
सारं महाजनसंग्रह पीडयति।
अर्थात: जिस राज्य में महाजन अधिक धन-संग्रह कर लेते हैं, उससे प्रजा के सामने अर्थ संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसका एक अन्य अर्थ यह भी है कि जिस राजा ने अपने निकट अधिक लोगों की भीड़ एकत्रित कर ली है, उससे कार्य का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता क्योंकि सभी अपने-अपने ढंग से राय देने लगते हैं और बनते कार्य को भी उलझा देते हैं।