Edited By Jyoti,Updated: 17 Jun, 2020 05:07 PM
गलती छोटी हो या बड़ी अपना असर तो छोड़ती ही है, मगर इसे ठीक करने की गुंजाहिश भी हमेशा ही रहती है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
गलती छोटी हो या बड़ी अपना असर तो छोड़ती ही है, मगर इसे ठीक करने की गुंजाहिश भी हमेशा ही रहती है। कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य कहते कुछ गलतियों हमारे जीवन को बर्बाद तक करने की ताकत रखती है इसलिए समय रहते इंसान को अपनी इन गलतियों को सुधार लेना चाहिए। या फिर छोड़ देना चाहिेए। परंतु यहां सवाल ये है कि वो कौन सी गलतियां हैं जो किसी भी व्यक्ति बहुत बुरे फल प्रदान करती हैं? ज़रा ठहरिए इसके लिए आपको ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम चाणक्य नीति सूत्र में वर्णित ऐसे श्लोक के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें उन 4 भूल के बारे में जिक्र किया गया है।
चाणक्य नीति श्लोक-
धर्म धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम्।
सुगृहीतं च कत्र्तव्यमन्यथा तु न जीवति।
आचार्य चाणक्य कहते हैं जिस व्यक्ति से धर्म के कार्यों में गलती होती है तो उसे उन कार्य का फल प्राप्त नहीं होता। इतना ही नहीं इसके चलते कभी-कभी उन्हें बड़ी हानि भी झेलनी पड़ सकती है। साथ ही साथ इसके कारण कभी-कभी उन्हें समाज के तबकों का गुस्सा भी झेलना पड़ सकता है।
जो व्यक्ति बीमारी से बचाव के लिए ली जाने वाली दवाईयां लेने में भूल करता है तो ये घातक साबित हो सकता है। इसके अलावा चाणक्य कहते हैं किसी भी बीमारी से जुड़ी दवाई लेने पहले से पहले उसके बारे में हर जानकारी से अवगत भी ज़रूर हों।
धन को सही तरह से इस्तेमाल न करने वाला इंसान भी बहुत जल्दी बर्बाद हो जाता है। ऐसे में हर इंसान को पैसों को हमेशा सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।
जो लोग अपने शिक्षक और गुरु की बातों को नहीं मानता है उसे भी काफी तरह के कष्ट भोगने पड़त हैं। चाणक्य कहते हैं अपने गुरु की अवमानना करने वाले लोगों को जिंदगी में सुख की अनुभूति नहीं होती।