Edited By Jyoti,Updated: 01 Apr, 2018 02:49 PM
चाणक्य कहते हैं कि प्रत्येक इंसान में कुछ गुण, कुछ शक्तियां होती हैं जिनसे वे अपने कार्य सिद्ध कर सकते हैं। इसी बात का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने चाणक्य सूत्र में एक श्लोक द्वारा नीति में राजा के बारें में कुछ मुख्य बात बताई है।
चाणक्य कहते हैं कि प्रत्येक इंसान में कुछ गुण, कुछ शक्तियां होती हैं जिनसे वे अपने कार्य सिद्ध कर सकते हैं। इसी बात का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने चाणक्य सूत्र में एक श्लोक द्वारा में राजा के बारें में कुछ मुख्य बात बताई है।
श्लोक
क्षुद्रे गुह्यप्रकाशनं आत्मवान्न कुर्यात्।
अर्थात: जो राजा बुद्धिमान और विवेकी होता है वह भूलकर भी किसी व्यक्ति के सम्मुख अपने मन की बात नहीं बताता अन्यथा भारी अनर्थ हो जाता है।