Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 01:30 PM
आचार्य चाणक्य अपने समय के विद्वान, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ महापुरुष थे। इनके बारे में जितना पढ़ा जाए, उतना ही कम है। उन्होंने सामाजिक पहलुओं की विसंगतियों को दूर करने के अनेकों उपाय बताए हैं।
आचार्य चाणक्य अपने समय के विद्वान, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ महापुरुष थे। इनके बारे में जितना पढ़ा जाए, उतना ही कम है। उन्होंने सामाजिक पहलुओं की विसंगतियों को दूर करने के अनेकों उपाय बताए हैं। उनके ये विचार तब जितने महत्वपूर्ण थे उतने ही आधुनिक युग में भी हैं।
चाणक्य कहते हैं
व्यक्ति अपने व्यवहार के कारण ही पूज्य होता है, यदि उसे कभी विषम परिस्थितियों में ऐसे काम करना पड़े, तब उसे ऐसी दौलत त्याग देनी चाहिए। चाणक्य ने ऐसी और भी कई बातों का उल्लेख चाणक्य नीति में किया है।
दौलत, मित्र, पत्नी और राज्य यदि चला जाए तो वापिस आ सकता है। लेकिन आपकी काया एक बार चली जाए, फिर वापिस नहीं आती है।
ऐसी दौलत किस काम की जो कठोर यातना, सदाचार का त्याग कर अर्जित करनी पड़े।
जो बीत गया उस पर न पछताएं, भविष्य की चिंता भी न करें। वर्तमान में जिएं भविष्य हमेशा उज्जवल होगा।