चाणक्य नीति: परिश्रम नहीं तो सफलता नहीं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 11:03 AM

chanakya policy no success without hard work

आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रखर कुटनीतिज्ञ माने जाते है. उन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक में अपने राजनैतिक सिध्दांतों का प्रतिपादन किया है, जिनका महत्त्व आज भी स्वीकार किया जाता है।

आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के सर्वाधिक प्रखर कुटनीतिज्ञ माने जाते है. उन्होंने ‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक में अपने राजनैतिक सिध्दांतों का प्रतिपादन किया है, जिनका महत्त्व आज भी स्वीकार किया जाता है। कई विश्वविद्यालयों ने कौटिल्य (चाणक्य) के ‘अर्थशास्त्र’ को अपने पाठ्यक्रम में निर्धारित भी किया है। महान मौर्य वंश की स्थापना का वास्तविक श्रेय अप्रतिम कूटनीतिज्ञ चाणक्य को ही कहा जाता है। चाणक्य एक विव्दान, दूरदर्शी तथा दृढसंकल्पी व्यक्ति थे और अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति के आचार्य थे। इनके द्वारा बताई हर नीति से व्यक्ति को एक सीख मिलती है। 


अप्रयत्नात् कार्यविपत्तिर्भवति।

व्याख्या: प्रयत्न न करने से विघ्न पड़ता है। यदि कार्य को पूरा करने के लिए प्रयत्न ही नहीं किया जाएगा तो वह पूरा कैसे होगा। हिना परिश्रम किए कोई भी कार्य पूरा नहीं होता। 

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