Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jan, 2019 08:19 AM
2019 में पड़ने वाला दूसरा ग्रहण और पहला चंद्रग्रहण 20 व 21 जनवरी की आधी रात को पड़ेगा। इस चंद्र ग्रहण को एक खास नाम सुपर ब्लड वुल्फ मून दिया गया है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
2019 में पड़ने वाला दूसरा ग्रहण और पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को पड़ेगा। इस चंद्र ग्रहण को एक खास नाम सुपर ब्लड वुल्फ मून दिया गया है। ये एक दुर्लभ खगोलीय घटना मानी जा रही है। जिस वक्त चांद, धरती के अत्यधिक करीब होता है इसलिए पृथ्वी से चांद नार्मल न होकर आकार में सामान्य से अधिक बड़ा दिखने लगता है। चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर निकलता है तो लाल तांबे के रंग जैसा दिखता है। ऐसे चंद्रमा को सुपरमून कहा जाता है। ग्रहण के वक्त चंद्रमा का रंग इसलिए बदलता है क्योंकि सूरज की किरणें पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती हैं। धरती की छाया में चंद्रमा का रंग परिवर्तित होता है।
भारत में न तो इसे देखा जाएगा और न ही इसका प्रभाव होगा। इस कारण धार्मिक रूप से भी इसका कोई महत्व नहीं रह जाता। इसे सिर्फ अफ्रीका, यूरोप, न्यूयार्क, लॉस एंजिलेस, लंदन, शिकागो, एथेंस, पेरिस, मास्को, ब्रेसेल्स, वाशिंगटन, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में ही देखा जा सकेगा। इससे पहले जब 2019 का पहला सूर्य ग्रहण लगा था वो भी भारत में देखा नहीं गया था।
भारतीय समय के अनुसार रात 09:03:54 से 12:20:39 बजे तक ग्रहण रहेगा। इससे पूर्व पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 2018 में 27 जुलाई को लगा था। उस ग्रहण का प्रभाव 1 घंटा 43 मिनट तक चला था।
चंद्र ग्रहण के दौरान रखें कुछ बातों का ध्यान-
भोजन न खाएं।
तेल मालिश न करें।
शारीरिक संबंध न बनाएं।
शुभ काम न करें।
शारीरिक संबंध ना बनाएं।
झूठ नहीं बोलें।
किसी के साथ कपट न करें।
मंत्र जाप अथवा ध्यान करें।
देवी-देवताओं की मूर्ति स्पर्श न करें।
नाखून काटना, बाल काटना वर्जित है।
पैरों में सोना नहीं पहना जाता है, रहस्य जानकर चौंक जाएंगे ! (VIDEO)