Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Oct, 2021 08:03 AM
नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित होता है। नवरात्रों में देवी साधना और शक्ति पूजन किया जाता है। देवी चंद्रघंटा मां दुर्गा का बड़ा ही सौम्य रूप माना जाता है। देवी की 10 भुजाएं हैं,
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Who is Devi Chandraghanta: नवरात्रि का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित होता है। नवरात्रों में देवी साधना और शक्ति पूजन किया जाता है। देवी चंद्रघंटा मां दुर्गा का बड़ा ही सौम्य रूप माना जाता है। देवी की 10 भुजाएं हैं, जो अलग-अलग शस्त्रों से सुशोभित रहती हैं। देवी के मस्तक पर घंटे के समान चंद्रमा विराजित रहता है, जिससे कि माता का नाम देवी चंद्रघंटा के रूप में विख्यात है। देवी चंद्रघंटा आसुरी व नकारात्मक शक्तियों से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। उनका ध्यान करते समय साधक को वीरता व साहस की अनुभूति होती है। देवी चंद्रघंटा की साधना में अलौकिक दृश्य व दिव्यता का अनुभव होता है। शक्ति के स्वरूप की पूजा पूर्ण विधि से करने वाला साधक हर प्रकार की सुख-संपदा का भोग करता है। चांद की आभा समान चमकने वाली माता का यह रूप व्यक्ति को धन, वीरता और साहस का वरदान देता है। इस प्रकार से देवी की उपासना अत्यंत लाभकारी हो जाती है।
Maa Chandraghanta puja vidhi: देवी पूजन करते समय माता को स्वर्ण रंग के वस्त्र चढ़ाएं। माता का श्रृंगार सुगंधित फूलों से करें। इस प्रकार के पूजन से माता की कृपा से घर में चलित संपत्ति की वृद्धि होती है।
देवी चंद्रघंटा का ध्यान उत्तर पश्चिम की ओर मुख करके रेशमी आसन पर बैठकर करें और देवी से इच्छा वर की कामना करें।
माता चंद्रघंटा को दूध चढ़ाएं। ऐसा करने के विशेष लाभ हैं। छोटी-छोटी बालिकाओं को दूध व खीर दान करें। सफेद चीज़ों का दान करने से मानसिक तनाव से ग्रस्त लोगों को लाभ मिलता है। व्यापार में लाभ मिलता है।
Chandraghanta mantra: देवी के बीज मंत्र का उच्चारण करने से अलौकिक अनुभव होते हैं। मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’।
नीलम
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