Edited By ,Updated: 07 May, 2017 11:49 AM
नहाने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ अौर निरोग रहता है। इसी प्रकार सभी प्रकार के पूजन कार्य स्नान के बाद ही किए जाते हैं। पहले समय में ऋषि मुनि नदी में स्नान
नहाने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ अौर निरोग रहता है। इसी प्रकार सभी प्रकार के पूजन कार्य स्नान के बाद ही किए जाते हैं। पहले समय में ऋषि मुनि नदी में स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित कर मंत्रों का उच्चारण करते थे। इससे उन्हें अक्षय फल की प्राप्ति होती थी। इसके साथ ही पापों से भी मुक्ति मिलती थी। ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं जिनको करने से धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। लेकिन स्नान करते समय इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा अौर भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं।
प्रतिदिन स्नान से पूर्व बाल्टी में पानी भरें। उसके बाद अपनी तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से पानी पर त्रिभुज का चिन्ह बनाएं। त्रिभुज बनाने के बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ‘ह्रीं’ उसी चिह्न के बीच वाले स्थान पर लिखें। उसके बाद अपने इष्ट देवी-देवता से परेशानियां दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
शास्त्रों में बताया गया है कि स्नान करते समय भी हमें मंत्रों का जाप करना चाहिए। स्नान के समय किसी मंत्र, पाठ, कीर्तन या भजन का जाप किया जा सकता है। ऐसा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
नहाते समय करें इस मंत्र का जप
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
नदी में स्नान करते समय करें ये काम
यदि व्यक्ति नदी में स्नान कर रहा है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर उसमें तुरंत डुबकी लगा देनी चाहिए। ऐसा करने से उसे नदी स्नान का पूर्ण फल प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाएगी। इस उपाय को करने से ग्रह दोष शांत होते हैं अौर बुरी नजर से भी बचाव होता है।