Edited By Jyoti,Updated: 16 Jul, 2018 03:01 PM
भगवान शिव देवों के भी देव माने जाते हैं। जो अपने भक्तों की पूजा-पाठ से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है और यही कारण था की असुर भी वरदान प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की तपस्या किया करते थे
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भगवान शिव देवों के भी देव माने जाते हैं। जो अपने भक्तों की पूजा-पाठ से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है और यही कारण था की असुर भी वरदान प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की तपस्या किया करते थे और उनसे मनचाहा वरदान प्राप्त कर लेते थे। जब आप सब सकटों से घिरे हो और प्रयास करने पर भी समाधान नहीं मिल रहा हो तो भगवान शिव की भक्ति और पूजा-आराधना करनी चाहिए। आज आपको शिवलिंग की पूजा करने की विधि और कुछ आसान से मंत्रों के बारे में बताएंगे।
सुबह उठकर स्नान करने के बाद शिवालय में जाकर शिवलिंग पर जल और बिल्व पत्र चढ़ाते समय 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर कच्चा दूध भी चढ़ा सकते हैं।
विधिपूर्वक भगवान को वस्त्र पहना कर अपनी श्रद्धा अनुसार उनका श्रृगांर करें।
भोलेनाथ को पान, धूतरे और बेर बहुत पंसद हैं इसलिए भोग में प्रभु को ज़रूर अर्पित करें।
धुप, दीप आदि जलाकर पूरे सच्चे मन से शिव जी की आरती करें और इसके बाद मन में ही शंकर भगवान से अपनी मनोकामना की प्रार्थना करें।
अगर किसी पर कोई कठिन समस्या आन पड़े तो श्रद्धापूर्वक 'ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ' के मंत्र का एक लाख जप करना चाहिए।
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं ।
सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि॥
इसका जाप सदा अपने मन में करना ज्यादा लाभदायक माना जाता है। इसके साथ ही रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का उच्चारण करना भी शुभ माना जाता है। लेकिन जप करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर ही करें। इससे जल्दी लाभ मिलता है।
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