धार्मिक यात्रा शुरू होने से पहले ऑनलाइन होंगे चारधाम के दर्शन

Edited By Jyoti,Updated: 23 May, 2020 05:21 PM

char dham darshan will be online before the religious journey begins

कोरोना के चलते जहां एक तरफ़ देश में हर मुमकिन सावधानी बरतने का प्रयास कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर अब धीरे-धीरे लगभग देश के हर राज्य में लॉकडाउन में डील दी जाने शुरू हो चुकी है

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कोरोना के चलते जहां एक तरफ़ देश में हर मुमकिन सावधानी बरतने का प्रयास कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर अब धीरे-धीरे लगभग देश के हर राज्य में लॉकडाउन में डील दी जाने शुरू हो चुकी है, क्योंकि कोरोना के खुद का बचाव करना अभी की स्थिति में हर किसी के लिए अहम मगर इस दौरान अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करना भी उतना ही ज़रूरी है। इसी बात को मद्देनज़र देश में स्थित कई धार्मिक तीर्थस्थलों के कपाट खोल दिए गए हैं। इनमें सबसे पहले नाम आता है भारत में स्थित हिंदू धर्म के चारधाम, जिनके कपाट खुल चुके हैं, मगर कोरोना के कारण विवशता इतनी बढ़ गई है कि कपाट तो खुल चुके हैं मगर फिलहार यहां जाने की अनुमति किसी को नहीं है। यही वो कारण है कि हर कोई हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले सभी लोग निराश है। मगर आपको बता दें इसमें निराशा वाली कोई बात है ही नहीं, जी हां, क्योंकि हम आपको अपनी वेबसाइट की मदद से आपको एक ऐसी खबर बताने वाले हैं जिसे सुनकर यकीनन आपकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा।
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जी हां, खबरों की मानें तो दरअसल प्रदेश सरकार इन मंदिरों के ऑन लाइन दर्शन की व्यवस्था शुरू करने जा रही है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को सौंप दी है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर की बेवसाइट को नए कलेवर में लॉन्च करने के लिए कहा है। नई वेबसाइट पर उत्तराखंड के चारों धामों के गर्भगृह के अतिरिक्त बाहरी हिस्सों के लाइव दर्शन किए जा सकेंगे। ऑन लाइन पूजा बुकिंग और दान देने की सुविधा भी वेबसाइट पर रहेगी। बद्रीनाथ-केदारनाथ के साथ ही गंगोत्री-यमुनोत्री, पंच बद्री-पंच केदार, पंच-प्रयाग और आसपास के 51 मंदिरों से जुड़ी मान्यताएं, कथाएं और परंपराएं, यहां का नक्शा, धर्मशालाओं की जानकारी भी साइट पर उपलब्ध रहेगी।
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भक्तों को ऑनलाइन दर्शन कराने के लिए सीएम ने देवस्थानम बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। अब से बोर्ड का एक अलग अकाउंट होगा। पूर्व में संचालित बद्री-केदार मंदिर समिति की बची राशि भी इसी बोर्ड को ट्रांसफर की जाएगी। यही नहीं। बद्री-केदार मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यहां के मंदिरों से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों, मूर्तियों और अन्य ऐतिहासिक महत्व की सामग्रियों के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा। जिस तरह से अबतक बोर्ड को दान देने वाले दानदाताओं को कर मुक्ति प्रमाणपत्र 80-जी दिया जाता रहा है, ये आगे भी दिया जाएगा।
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इसके अलावा आपको बता दें कि देहरादून में 22 मई को मुख्यमंत्री आवास पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की पहली बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि जो लोग लॉकडाउन के कारण दर्शन को नहीं आ पा रहे हैं और मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं। तो उन्हें ऑनलाइन दर्शन कराए जाएंगे। गर्भ गृह को छोड़ कर बाकि मंदिर परिसर, आस पास के इलाकों के दर्शन कराए जाएंगे। एक एप तैयार होगा, जिसमें श्रद्धालु को एक तय समय दिया जाएगा। जिसमें वो लाइव ऑडियो के माध्यम से अपनी ओर से कराए जाने वाली पूजा को सुन सकेंगे। पूरी प्रक्रिया में धार्मिक मान्यताओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

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