Edited By Jyoti,Updated: 01 Nov, 2019 04:02 PM
आज यानि 1 नवंबर को महापर्व छठ का दूसरा दिना है जिसे खरना कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को व्रती द्वारा भोजन किया जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानि 1 नवंबर को महापर्व छठ का दूसरा दिना है जिसे खरना कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को व्रती द्वारा भोजन किया जाता है। बता दें इस दिन पूरा दिन अन्न व जल के बिना रहना होता है। शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। इससे ठीक अगले दिन यानि सप्तमी को सुबह सूर्योदय के समय सूर्यास्त वाली उपासना की प्रक्रिया को दोहराया जाता है। इसके बाद विधिवत पूजा कर प्रसाद बांटकर छठ पूजा संपन्न की जाती है। बता दें ज्योतिष विद्वानों के अनुसार आज यानि शुक्रवार को बिहार और यूपी में सूर्यास्त क्रमश: 5:08 और 5:17 तक होगा।
यहां जानिए कैसे करें पूजा की तैयारी-
सूर्यास्त के समय को चावल व गुड़ से खीर बनाकर खाई जाती है। फिर घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में अन्य लोगों में वितरित की जाती है। इसमें ठेकुआ विशेष होता है। कुछ लोग इसे टिकरी भी कहते हैं। इसके अलावा चावल के लड्डू भी बनाए जाते हैं, प्रसाद व फल बांस की टोकरी में सजाए जाते हैं। टोकरी की पूजा करने के बाद सभी व्रती सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट आदि पर इक्ट्ठे होते हैं।
बता दें खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर नहीं बनाना चाहिए इसे हमेशा ये चूल्हा मिट्टी के बनाया जाना चाहिए। बता दें इस चूल्हे पर आम की लकड़ी का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि खरना इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन निर्जला वर्त रखा जाता है। इस दौरान व्रती महिलाएं प्रसाद खाने के बाद छठ पूजने के बाद ही अन्य भोजन पदार्थ ग्रहण करती हैं।
खरना पूजन का समय
उत्तर प्रदेश में
सूर्यास्त का समय : शाम 5:17
बिहार में
सूर्यास्त का समय: शाम 5:08