Kundli Tv- क्या सच में वास्तु और गणेश का है इतना Strong कनेक्शन

Edited By Jyoti,Updated: 08 Aug, 2018 03:10 PM

connection between ganesha ji and vastu shastra

हिंदू धर्म में गणपति जी का बहुत खास महत्व है। चाहे किसी भी प्रकार की पूजा-हवन आदि हो सबसे पहले गणेश जी की ही वंदना की जाती है। क्योंकि ग्रथों के अनुसार इन्हें समस्त देवी-देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाने का आशीर्वाद प्राप्त है।

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हिंदू धर्म में गणपति जी का बहुत खास महत्व है। चाहे किसी भी प्रकार की पूजा-हवन आदि हो सबसे पहले गणेश जी की ही वंदना की जाती है। क्योंकि ग्रथों के अनुसार इन्हें समस्त देवी-देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाने का आशीर्वाद प्राप्त है। मान्यताओं के अनुसार किसी भी मांगलिक, वैदिक कामों को शुरू करने से इनकी पूजा अति फलदायी मानी जाती है। 
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ऊपर बताई गईं बातों से तो ज्यादातर लोगों को पता होंगी लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गणेश जी का वास्तु से एक गहरा संबंध हैं। जी हां वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश का अपना एक अलग महत्व है। इतना ही नहीं, वास्तु के अनुसार गणपति को स्वयं में एक संपूर्ण वास्तु कहा जाता है।

 

आईए जानते हैं इस से संबंधित बातें
बुद्धि के अधिदेवता भगवान गणेश के नाम का अर्थ है गणों का स्वामी। कुछ महान ज्योतिषियों के अनुसार गणपति जीवन के हर क्षेत्र में विराजमान हैं। इतना ही नहीं इन्हें देवताओं के मूल प्रेरक भी कहा गया है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गणपति सब देवताओं में अग्रणी देवता हैं। उनके अलग-अलग नाम व अलग-अलग स्वरूप हैं, वास्तु में गणेश जी का बहुत महत्व है। गणेशजी अपने आप में संपूर्ण वास्तु हैं। 
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धर्मग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि गणेश जी की स्थापना व पूजा-पाठ विधि-विधान से की जाए तो नौ ग्रहों का दोष भी आसानी से दूर हो जाता है। गणेश जी की सवारी मूषक हो या फिर उनका पहनावा या फिर बात की जाए उनके मनपसंद भोग मोदक की। उनके शरीर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह के दोष को दूर करता है।
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पुराणों में कहा गया है कि श्वेत गणपति की पूजा करने से जीवन में भौतिक सुख और समृद्धि का प्रवाह होता है। मूषक जासूसी से सूचनाएं एकत्र करने का प्रतीक है। यह राहु के दोष को भी दूर करता है। गणेश जी के हाथी जैसे मुख की अलग ही मान्यता है। गणेश का गजमुख बुद्धि का अंकुश, नियंत्रण, अराजक तत्वों पर लगाम लगाने का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा देवाधिदेव श्रीगणेश की सही मंत्रोच्चार द्वारा पूजा-अर्चना करने से घर के वास्तु दोष को दूर करके सुखी, संपन्न जीवन पाया जा सकता है।
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