Lover को ही नहीं बल्कि रुठे ग्रहों को भी फूलों से मनाएं

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Aug, 2019 11:30 AM

connection of planets with flowers

फूलों से किसको लगाव नहीं होता। फूल चाहे गुलाब,चमेली, जूही, मोगरा या फिर रात रानी ही क्यों न हो, नाम सुनते ही भीनी-भीनी सुगंध का एहसास होने लगता है। फूलों को छूना भी बहुत अच्छा लगता है।

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फूलों से किसको लगाव नहीं होता। फूल चाहे गुलाब,चमेली, जूही, मोगरा या फिर रात रानी ही क्यों न हो, नाम सुनते ही भीनी-भीनी सुगंध का एहसास होने लगता है। फूलों को छूना भी बहुत अच्छा लगता है। मनुष्य तो मनुष्य देवताओं को भी फूलों से बहुत प्यार होता है यही कारण है कि विभिन्न देवी-देवताओं को भिन्न-भिन्न प्रकार के पुष्प चढ़ाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन नाजुक और प्यारे-प्यारे फूलों से केवल देवताओं को ही नहीं वरन् ग्रहों को भी मनाया जा सकता है, प्रसन्न किया जा सकता है, उनके कुप्रभावों को कम किया जा सकता है और स्वयं  की इच्छाओं को पूर्ण किया जा सकता है। आइए जानें कैसे...।

PunjabKesari Connection of planets with flowers

मानव जीवन पर फूलों का भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो ग्रहों और फूलों का आपस में बहुत ही गहरा संबंध है। शास्त्रों में इस बात की जानकारी दी गई है कि ग्रहों के दोष को दूर करने के लिए कौन-सा पुष्प सहायक सिद्ध होगा या कौन-सा ग्रह किस पुष्प से प्रसन्न होता है। 

भविष्य पुराण में बताया गया है कि सूर्य ग्रह को यदि आक का फूल अर्पण किया जाए तो सोने की दस अशर्फियां चढ़ाने के बराबर फल मिलता है। आक का फूल सूर्य देव को अर्पण करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।

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चंद्र को सफेद पुष्प प्रिय है। चंद्र के कुप्रभाव को दूर करने के लिए जातक को चंद्र देव या भगवान शंकर को सफेद पुष्प अर्पण करना चाहिए। सफेद पुष्प अर्पण करने से व्यक्ति का मन स्थिर रहता है तथा चंद्र ग्रह अनुकूल रहते हैं।

मंगल ग्रह स्वभावत: तेज माना जाता है, इसीलिए मंगल को अग्नि प्रधान ग्रह कहा गया है। मंगल ग्रह का फूलों से बहुत ही गहरा संबंध है, खासतौर पर रक्त पुष्प अर्थात लाल रंग के फूल से। इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए परिजात नामक पुष्प का अर्पण करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन पर मंगल ग्रह से संबंधित सम्पूर्ण दोष दूर हो जाते हैं। 

बुध ग्रह को बल देने के लिए बुधवार के दिन गणेश जी को पलाश का फूल और दूर्वा अर्पण करना चाहिए। 

गुरु को ज्ञान का कारक माना जाता है। वैवाहिक जीवन के लिए भी यह अत्यधिक शुभ माना जाता है। गुरु ग्रह को कनेर अर्थात पीत पुष्प अत्यंत प्रिय है। गुरु को बल देने के लिए बृहस्पतिवार को कनेर का पुष्प केले के पेड़ के नीचे चढ़ाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।

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शुक्र ग्रह जल तत्व प्रधान माना जाता है। शुक्र जातक को विशेष रूप से भौतिक सुख प्रदान करता है। शुक्र का भी फूलों से काफी लगाव है। इस ग्रह को शांत करने के लिए शुक्रवार के दिन इंद्र देव को श्वेत पुष्प अर्पण करना चाहिए। इससे भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। 

शनिदेव का व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव लाने में गहरा योगदान होता है। इनके द्वारा व्यक्ति के जीवन पर ढैया और साढ़ेसाती का संचार होता है। शनि को पुष्पों के द्वारा भी प्रसन्न किया जाता है। शनि को खासतौर पर कृष्ण वर्ण का पुष्प अर्पित किया जाता है। इससे शनि की कृपा प्राप्त होती है।

राहू और केतु दोनों छाया ग्रह माने जाते हैं। ये जिस राशि में या जिस ग्रह के साथ युति करते हैं, उसी के अनुसार प्रभाव डालते हैं लेकिन प्राय: राहू-केतु को शनिवत ही माना जाता है। इस प्रकार आप विभिन्न प्रकार के फूलों से रूठे हुए ग्रहों को मना सकते हैं। 

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