Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Oct, 2019 10:06 AM
गत वर्ष रूस ने विश्व कप फुटबॉल के दौरान दुनिया भर से आने वाले खेल प्रेमियों का स्वागत मुस्कुराहट के साथ करने के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मुस्कुराने की बाकायदा ट्रेनिंग दी थी।
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गत वर्ष रूस ने विश्व कप फुटबॉल के दौरान दुनिया भर से आने वाले खेल प्रेमियों का स्वागत मुस्कुराहट के साथ करने के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मुस्कुराने की बाकायदा ट्रेनिंग दी थी। हाल ही में चीन में के.एफ.सी. रेस्तरां वालों ने लोगों को मुस्कुरा कर पेमैंट करने की छूट दी थी। जापान में युवाओं को अधिक मुस्कुराना सिखाने के लिए ‘स्माइलिंग स्कूल्स’ खुले हैं। यदि आपको उपरोक्त उदाहरणों पर हैरानी हो रही है तो एक नजर अपने आस-पास डाल कर देखें कि इस वक्त कितने लोग मुस्कुरा रहे हैं। यही महसूस होगा कि बदलते वक्त के साथ लोगों की मुस्कुराहट भी कम हो रही है। यह बात इसलिए भी अच्छी नहीं है क्योंकि मुस्कुराने में इतनी ताकत है कि वह व्यक्ति को तुरंत नई ऊर्जा का अहसास करवा देती है।
कुछ वक्त पूर्व यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास ने अपनी रिसर्च के नतीजों में पाया था कि मुस्कुराहट तनाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया और तनावपूर्ण परिस्थितियों में धड़कन को कम करती है। इतना ही नहीं, एक अन्य रिसर्च के अनुसार ब्लड प्रैशर कम करने में मुस्कुराहट बड़ी लाभदायक हो सकती है। वहीं एक रिसर्च का यह भी दावा है कि मुस्कुराहट से दीर्घायु मिलती है। छोटे पर्दे की अभिनेत्री शमा सिकंदर कहती हैं, ‘‘इन दिनों विभिन्न प्रकार के तनाव तथा दबाव की वजह से हम लोग अक्सर उदास रहने लगे हैं। दुख की बात है क्योंकि हमारे सभी हाव-भाव में मुस्कुराहट को बहुत कम करके आंका जाता है जबकि यह आपके मूड को तुरंत अच्छा कर सकता है। यह कुदरती, आसान तथा एक से दूसरे तक खुशियां फैलने का उत्तम जरिया है। मुझे समझ नहीं आता कि इन दिनों हम इतना कम क्यों मुस्कुरा रहे हैं...।’’
क्यों कम हुआ मुस्कुराना
कुछ लोग शर्मीले, कम आत्मविश्वास जैसे स्वभाव की वजह से मुस्कुरा नहीं पाते हैं।
लोगों के स्टेटस पर भी निर्भर करता है कि वे मुस्कुराने के लिए कितने तत्पर रहते हैं।
कुछ लोगों को लगता है कि हर किसी को देख मुस्कुराने से उनकी अहमियत कम हो जाएगी।
कुछ लोगों से दूरी बनाए रखने के लिए भी मुस्कुराने से बचने की कोशिश की जाती है।
मुस्कुराने की ताकत
कहा जाता है कि एक मुस्कुराहट 2000 चॉकलेट खाने के समान दिमागी हलचल पैदा कर सकती है। मुस्कुराने वाले व्यायाम जीवन पर सकारात्मक असर छोड़ते हैं।
जो लोग अक्सर मुस्कुराते हैं उन्हें अधिक आत्मविश्वासी समझा जाता है।
अधिकतर लोग उस अनजान व्यक्ति के साथ बातचीत करने को तत्पर महसूस करते हैं जो मुस्कुरा रहा हो।
अधिक मुस्कुराने वालों को पदोन्नति मिलने की भी अधिक सम्भावना रहती है।
आपकी मुस्कुराहट इतनी ताकतवर है कि इससे बातचीत में भी जान पड़ जाती है।
कुछ तथ्य
मुस्कुराहट करीब 19 तरह की होती हैं। मुख्य तौर पर इन्हें दो वर्गों में बांटा जाता है- सामाजिक तथा निजी। सामाजिक मुस्कुराहट में कम मांसपेशियों की हरकत होती है जबकि निजी मुस्कुराहट में चेहरे के दोनों ओर कई सारी मुस्कुराहटों का इस्तेमाल होता है।
मुस्कुराहट सबसे आसानी से पहचाने जाने वाला हाव-भाव है। इसे 300 फुट की दूरी से पता चल सकता है।
विभिन्न प्रकार से मुस्कुराने के लिए चेहरे की 5 से 53 मांसपेशियों की जरूरत पड़ती है।
चिम्पाजी इंसानों की ही तरह मुस्कुरा तथा हंस सकते हैं। गुदगुदी करने पर चूहे भी हंसते हैं।
यदि आप किसी को देख कर मुस्कुराते हैं तो उसके वापस मुस्कुराने की 50 प्रतिशत सम्भावना होती है।