Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Sep, 2019 08:04 AM
अंगूठा व्यक्ति के समूचे व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। हाथ में अंगूठे का प्रमुख स्थान है। अंगूठा नैसर्गिक इच्छाशक्ति का केन्द्र होता है। जिस प्रकार व्यक्ति की मुखाकृति को देखकर उसके सारे जीवन का वर्णन किया जा सकता है,
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अंगूठा व्यक्ति के समूचे व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। हाथ में अंगूठे का प्रमुख स्थान है। अंगूठा नैसर्गिक इच्छाशक्ति का केन्द्र होता है। जिस प्रकार व्यक्ति की मुखाकृति को देखकर उसके सारे जीवन का वर्णन किया जा सकता है, उसी प्रकार एक रेखाविद अंगूठे को देखकर व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का बखान कर सकता है। भारतीय धर्मशास्त्रों में तो अंगूठे का विशेष महत्व है। अंगूठे से पंडित यजमान को तिलक लगाता है और व्यक्ति अपने मस्तक पर भी अपने अंगूठे से ही तिलक लगाता है। अंगूठे की रचना तीन अस्थि खंडों से मिलकर हुई है। पहले खंड को शुक्र का क्षेत्र कहा गया है जिसके कारण व्यक्ति में प्रेम, वासना, भोग-विलास, व्यवहार कुशलता देखी जाती है। दूसरे खंड से व्यक्ति की तर्क शक्ति और बुद्धि का परीक्षण किया जाता है। तीसरे खंड से व्यक्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति, लगन और परिश्रम का अनुमान लगाया जाता है।
हाथ में लम्बा अंगूठा व्यक्ति के मानसिक विकास का परिचायक होता है। यह व्यक्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति लिए हुए होता है। ऐसा व्यक्ति यदि किसी बात को ठीक न माने तो जल्दी से उस पर विश्वास नहीं करता। यदि अंगूठा ज्यादा लम्बा न हो और सामान्य से थोड़ा ज्यादा हो तो व्यक्ति विवेक बुद्धि वाला होता है। यदि अंगूठा छोटा हो तो व्यक्ति का मस्तिष्क ज्यादा तेज नहीं होता। ऐसे व्यक्ति में संयम और सूझबूझ की कमी होती है, ऐसे व्यक्ति की इच्छाशक्ति नाममात्र की होती है। अंगूठे के द्वारा अन्य बातों का भी पता लगाया जा सकता है। जैसे :
अंगूठे के दोनों भागों के बीच यव का चिन्ह हो तो व्यक्ति का जीवन खुशहाल रहता है।
अंगूठे में चक्र का चिन्ह दिखाई दे तो व्यक्ति का जीवन सुखी होता है।
अंगूठे के मूल में जितनी रेखाएं स्पष्ट रूप से दिखाई दें तो व्यक्ति को उतनी संतानें होती हैं।
अंगूठे का ऊपरी भाग छोटा और कमजोर दिखाई दे तो व्यक्ति नाच-गाने, जुआ खेलने आदि का शौकीन होता है। ऐसा व्यक्ति कई रोगों का शिकार भी हो जाता है।
अगर किसी व्यक्ति का अंगूठा कड़ा, सख्त हो तो वह व्यक्ति हठी और चतुर होता है। ऐसे व्यक्ति प्रत्येक बात को अपने पेट में पचा लेते हैं।
अगर किसी व्यक्ति का अंगूठा लचकीला हो तो वह हर परिस्थिति में अपने आपको ढाल लेता है। ऐसे व्यक्ति धन-संग्रह में विशेष रुचि लेते हैं।
अंगूठा पुष्ट हो तो व्यक्ति बलवान होता है, उसकी इच्छाशक्ति दृढ़ होती है और वह साहसी होता है।
अंगूठा गोल और मांसल हो तो व्यक्ति के अंदर अपराध की भावना होती है। ऐसा व्यक्ति क्रोधी एवं चंचल होता है। उसके अंदर विवेक की विशेष कमी रहती है।
जिन जातकों का अंगूठा एकदम सीधा होता है। वे नियमों में बंधने वाले होते हैं और अपना प्रत्येक कार्य नियमानुसार करते हैं। ये जातक बहुत मेहनती होते हैं।
पीछे की तरफ झुके हुए अंगूठे वाले जातक सच्चे दिल के होते हैं। प्रत्येक परिस्थति में अपने आप को ढाल लेते हैं। कोई कैसा ही हो किन्तु ये अपना स्वभाव नहीं बदलते।
जिन जातकों का अंगूठा पीछे की ओर हल्का-सा मुड़ा हो तो ऐसे जातक समाज में होने वाले बदलाव को पसंद नहीं करते और चिड़चिडे़ स्वभाव के होते हैं।