Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Mar, 2020 08:42 AM
विश्व भर में कोरोना वायरस से जनता सहमी पड़ी है तथा घरों से बाहर निकलने व हाथ मिलाने तक से परहेज कर रही है। वहीं वर्ल्ड की अर्थव्यवस्था बिल्कुल लडख़ड़ा रही है तथा आने वाले समय में
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मालेरकोटला (वरिन्द्र): विश्व भर में कोरोना वायरस (Coronavirus In HIndi) से जनता सहमी पड़ी है तथा घरों से बाहर निकलने व हाथ मिलाने तक से परहेज कर रही है। वहीं वर्ल्ड की अर्थव्यवस्था बिल्कुल लडख़ड़ा रही है तथा आने वाले समय में परिणाम और भी घातक होने की संभावना है। इस स्थिति को लेकर देश के बड़े-बड़े ज्योतिर्विद भी ज्योतिष शास्त्र देख रहे हैं तथा कोरोना के बचाव, उपाय आदि बारे लोगों को जागृत कर रहे हैं।
इसी तहत दिव्य ज्योतिष मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष व ज्योतिष सम्राट डा. चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस का ज्यादा प्रभाव दिसंबर 2019 से शुरू हुआ था और फरवरी 2020 तक इसने पूरी तरह जड़ें जमा ली थीं। उन्होंने बताया कि वायरस राहू व शनि से प्रभावित होता है जो आक्सीजन को दूषित कर हवा को विषैला बनाते हैं। राहू का संबंध धुआं व आसमान से है। ऐसे में कोई भी वायरस हवा में कहीं भी पहुंच जाता है, जबकि शनि हवा में पैदा हुए कण हैं जो कि वायरस के फैलने में मदद करते हैं।
कोरोना वायरस का अंत 13 अप्रैल से होगा आरंभ
उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल 2020 को सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे तो कोरोना वायरस का अंत होना शुरू हो जाएगा। 14 मई को जब वक्री देव गुरु बृहस्पति का आगमन मकर राशि में होगा तो इस वायरस का प्रभाव कम होता दिखेगा। 30 जून 2020 को बृहस्पति वक्री अवस्था में पुन: धनु राशि में प्रवेश करेगा और 20 नवंबर तक वहां रहेगा। संभावना है कि मई से सितंबर के बीच वायरस की काफी रोकथाम होगी।
इस समय राहू अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर रहे हैं जो कि स्वतंत्र भारत की कुंडली का दूसरा, इंसान के मुंह व नाक भी दूसरा घर हैं। वर्तमान समय में मंगल व केतु भी गुरु के साथ धनु राशि में बैठे हैं जो कि अंगारक दोष को बनाकर इस स्थिति को गंभीर बना रहे हैं।