Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 21 Mar, 2018 07:57 AM
आज 21 मार्च को दमनक चतुर्थी का शुभ दिन है। सोने पर सुहागे का काम कर रहा है बुधवार, जो गणेश जी के प्रिय दिनों में से एक है। चैत्र महीने के शुल्क पक्ष में जो चतुर्थी आती है उसे शास्त्रों में दमनक चतुर्थी कहकर संबोधित किया जाता है।
आज 21 मार्च को दमनक चतुर्थी का शुभ दिन है। सोने पर सुहागे का काम कर रहा है बुधवार, जो गणेश जी के प्रिय दिनों में से एक है। चैत्र महीने के शुल्क पक्ष में जो चतुर्थी आती है उसे शास्त्रों में दमनक चतुर्थी कहकर संबोधित किया जाता है। इस चतुर्थी को चैत्र शुक्ल चतुर्थी और गणेश दमनक चतुर्थी भी कहा जाता है। दमनक चतुर्थी का त्योहारों और व्रतों में अपना अलग स्थान है। अतः दमनक चतुर्थी पर किया जाने वाला व्रत श्री सिद्धिविनायक गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। शास्त्रों में श्री गणपति जी को विघ्नहरण भी कहा गया है तथा सभी देवी देवताओं में सबसे पहले श्री गणपति जी का ही पूजन करने का विधान है। इस चतुर्थी का संबंध दमन कारोपण परंपरा से है।
दमनक चतुर्थी का महत्व: चैत्र महीने की प्रतिपदा से अमावस तिथि तक के पक्ष में दमनक नाम के पौधे से विभिन्न देवों की पूजा का विधान है । इसी परंपरा के अनुरूप चैत्र शुक्लपक्ष के चौथे दिन भगवान सिद्धिविनायक की पूजा दमनक नाम के पौधे से करने का विधान है। इस दिन व्रत रखकर श्री गणपति जी का षोडशोपचार उपचार पूजन करने का विधान है। उन्हें लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर गणपति जी पर दमनक पौधे के पत्तों से (आभाव में दूर्वा) पूजन किया जाए तो जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है तथा मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
दमनक गणेश चतुर्थी का फल: दमनक गणेश चतुर्थी का व्रत करने पर पूर्व जन्मों में लिए हुए ऋणों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।
आचार्य कमल नंदलाल
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