कल सुबह तिजोरी में रखें ये सामान, व्यापार में होगा लाभ

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 05 Apr, 2018 08:56 AM

dhan hani se bachne ke upay

शुक्रवार दिनांक 06.04.18 को वैसाख माह की षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र है साथ ही परिघ योग और वाणिज्यीकरण रहेगा। इस योग में अष्ट लक्ष्मी का धैर्यलक्ष्मी स्वरूप का पूजन करना विशेष लाभकारी रहेगा। धैर्य लक्ष्मी जीवन में धैर्य व आत्मबल को संबोधित करती हैं।...

शुक्रवार दिनांक 06.04.18 को वैसाख माह की षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र है साथ ही परिघ योग और वाणिज्यीकरण रहेगा। इस योग में अष्ट लक्ष्मी का धैर्यलक्ष्मी स्वरूप का पूजन करना विशेष लाभकारी रहेगा। धैर्य लक्ष्मी जीवन में धैर्य व आत्मबल को संबोधित करती हैं। धैर्य लक्ष्मी का अष्ट लक्ष्मी सारिणी में तीसरा स्थान है। धैर्य लक्ष्मी भक्तों की इच्छाओं को पूरा करके वह दुश्मनों व बुरी ताकतों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। धैर्य लक्ष्मी के विषय में शास्त्रों में कहा गया है, अष्ट भुजाधारी देवी लाल वस्त्रों में सुशोभित हैं तथा इन्होंने सुवर्ण जड़ित रत्न आभूषण पहने हुए हैं, इनका वाहन सिंह है व ये अपने आठों हाथों में शंख, चक्र, तलवार, कमल, कलश, अंकुश, धनुष, बाण व वरदान मुद्रा धरण करती हैं। धैर्य लक्ष्मी का स्वरूप नवयौवन लिए किशोरी से युवती बनी देवी को संबोधित करता है। यह स्वरूप जीवन में आत्मविश्वास की कमी को दूर करता है। देवी का यह स्वरूप साहस और ताकत हासिल करने का प्रतीक है। इस स्वरूप में लक्ष्मी जीवन में साहस भरकर भक्त को लाभ देती हैं। धैर्यलक्ष्मी जीवन को सुरक्षा प्रदान करके व्यक्ति को कर्म क्षेत्र में सक्षम बनाती है। लक्ष्मी का यह स्वरूप अत्यंत आकर्षक होने के साथ-साथ शक्तिशाली माना जाता है तथा शास्त्रों ने इस स्वरूप को त्रिगुणी भी कहा है, इस स्वरूप में देवी धनकारक श्रीया है, पालन प्रचालक लक्षिता भी हैं व कामना सिद्दीकारक कामरूपा भी हैं। धैर्यलक्ष्मी के विधिवत पूजन और उपाय से घाटे में चल रहे व्यापार में लाभ होता है, अकस्मात हानि से मुक्ति मिलती है तथा धन वृद्धि होती है।  


पूजन विधि: ईशानमुखी होकर गुलाबी वस्त्र पर लक्ष्मी का चित्र स्थापित करके विधिवत पूजन करें। गौघृत में इत्र मिलकर दीप करें, चंदन की अगरबत्ती करें, गुलाल चढ़ाएं। गुलाबी फूल चढ़ाएं, मिश्री में बनी चावल की खीर का भोग लगाएं तथा इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में किसी सुहागन को भेंट करें। 


पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:48 से प्रातः 10:48 तक।
पूजन मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं धैर्यलक्ष्म्यै नमः॥


उपाय
हानि से मुक्ति के लिए लक्ष्मी जी पर चढ़े चावल पक्षियों को डालें।   


घरेलू खुशहाली चाहते हैं तो लक्ष्मी जी पर चढ़ी हल्दी की 11 गांठें तिजोरी में रखें।


व्यापारिक लाभ के लिए लक्ष्मी जी पर चढ़े सूखे आंवले तिजोरी में स्थापित करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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