Edited By Lata,Updated: 21 Oct, 2019 03:06 PM
हमारे हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार प्रमुख माना जाता है और ये लगभग 5 दिनों तक लगातार चलता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार प्रमुख माना जाता है और ये लगभग 5 दिनों तक लगातार चलता है। दिवाली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस पूजा के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरूआत हो जाती है। कहते हैं कि इस दिन भगवान धनवन्तरि के अलावा, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर का पूजा की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा करने से धनधान्य की कभी कमी नहीं होगी। आज हम आपको इस दिन से जुड़ा एक खास उपाय बताने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं इस दिन का महत्व।
महत्व
शास्त्रों के अनुसार इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त के समय पूजन करने के साथ-साथ सात धान्यों- गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर आदि का पूजन किया जाता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिए सफेद मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी व श्रीगणेश जी की चांदी या अन्य छोटी नवीन प्रतिमा, तस्वीर घर, कार्यालय, व्यापारिक स्थल आदि में स्थापित करने से धन एवं सफलता में वृद्धि होने लगती है। इस दिन बर्तनों की खरीदारी करने से 13 गुणा वृद्धि होती है।
उपाय
प्रदोष काल में इस मंत्र का "ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।" उच्चारण करते हुए भगवान धन कुबेर का पंचोपचार पूजन करें।
पूजन के तुरंत बाद पूजा स्थल पर आटे से बने 10 दीपक जलाएं। अब इनमें से 5 दीपक उठाकर किसी पीपल वृक्ष के नीचे रख दें और पीपल की 7 परिक्रमा करके अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें।