Edited By Jyoti,Updated: 06 Apr, 2022 12:35 PM
महिला संत पेरम्मा भगवान की पूजा में तल्लीन थीं, तभी कुछ लोग उनकी कुटिया में पहुंच कर उनसे मिलने का
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महिला संत पेरम्मा भगवान की पूजा में तल्लीन थीं, तभी कुछ लोग उनकी कुटिया में पहुंच कर उनसे मिलने का आग्रह करने लगे। पेरम्मा के शिष्यों ने उन्हें ऐसा करने से रोका और कहा कि उन्हें आवाज देने से उनकी उपासना में विघ्न पड़ेगा, अत: वे कुछ समय उपरांत लौट कर आएं। परन्तु अब तक पेरम्मा अपने ध्यान से उठ चुकी थीं। उन्होंने बाहर आकर लोगों की परेशानी का कारण पूछा। उन्होंने बताया कि गांव में किसी का स्वास्थ्य सही नहीं है।
पेरम्मा बिना समय गंवाए उन लोगों के साथ चल दीं और बीमार व्यक्ति की सेवा में लग गईं। उन्होंने अपने शिष्यों को उस व्यक्ति के लिए जरूरी दवा लाने के लिए भेजा, जिसे लेकर वह व्यक्ति स्वस्थ हो गया। अब उनके शिष्यों ने उनसे इस कार्य के लिए उपासना भंग करने का कारण पूछा तो वे बोलीं, ‘‘समस्त प्राणी ईश्वर का ही अंश हैं। उनकी सेवा ईश्वर की साक्षात उपासना है। पीड़ा निवारण करने से बढ़कर और कोई साधना नहीं हो सकती।’’