इस विधि से करें दीपावली पूजन, मिलेगा अक्षय पुण्य

Edited By ,Updated: 30 Oct, 2016 07:55 AM

diwali  lakshmi puja

दीवाली को यदि पर्वों और उत्सवों का सम्राट कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। जहां इस दिन धनाढ्य अपनी और श्रीवृद्धि के लिए अनुष्ठान करते हैं तो वहीं सामान्यजन भी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए

दीवाली को यदि पर्वों और उत्सवों का सम्राट कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। जहां इस दिन धनाढ्य अपनी और श्रीवृद्धि के लिए अनुष्ठान करते हैं तो वहीं सामान्यजन भी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उसी श्रद्धाभाव से उन्हें याद करते हैं कि उन पर लक्ष्मी की कृपा हो और उनके घर में भी धन-वैभव बरसे। यहां प्रस्तुत हैं लक्ष्मी पूजन से संबंधित चंद वे बातें जो सब लोग जानना चाहते हैं। 


अमावस्या रात्रि 11:10 तक रहेगी। 
दीवाली पूजन का शुभ समय सायंकाल स्थिर लग्र वृषभ एवं सिंह लग्र माने गए हैं।
प्रात: काल का शुभ समय : 8.00  से 12:10 तक
शुभ चौघडिय़ा : 13:22 से 14:54 तक
प्रदोष काल : 17:37 से 20:14 तक
स्थिर वृष लग्र में घर में पूजा का समय : सायं 18:30 से 20:25 तक
निशीथ काल : 20:14 से 22:52 तक
कर्क लग्र में : 22:39 से 24:58 तक 
महा निशीथ काल: 22:52 से 25:31 तक 


दीवाली पूजन की सामान्य विधि

सामग्री
रौली, मौली,  सुपारी -5, धूपपान पत्ते-5, लौंग, इलायची-5, कमल गट्टे -20, कमल का फूल, फूल माला, खुले फूल, 5 फल, 5 मिठाई, पानी वाला नारियल, दूध आधा किलो, दही-250 ग्राम, केसर, लक्ष्मी गणेश जी की फोटो या मूर्त, आम के पत्ते, कपूर, जनेऊ, चंदन, दूब,मिट्टी के दीये-12 छोटे एक बड़ा, सरसों का तेल, देसी घी, रुई, ज्योति, पांच मेवा, पांच मिठाई, चांदी का सिक्का, अष्ट गंध, माता का शृंगार, चावल सवा किलो, शक्कर 50 ग्राम, खील-बताशे, मिठाई, मोमबत्ती, गंगाजल, माचिस, शंख, रेशमी वस्त्र, पीली सरसों, सिंदूर, पंचामृत, हवन सामग्री, जौ, तिल, तुलसी की माला, हवन कुंड, आसन, दक्षिणा आदि। 


स्नान करें,पूजा के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की आेर मुख रखें और कोई दरी या कंबल बिछा लें। द्वार पर रंगोली बना लें। थाली में अष्टदल बना कर नव ग्रहों की आकृति आटे से बना कर, गणेश जी, लक्ष्मी जी व सरस्वती जी की मूर्तियां रखें। आवाहन करें। अक्षत, पुष्प, अष्टगंध युक्त जल अर्पित करें। दिशा रक्षण के लिए बाएं हाथ से पीली सरसों लेकर दाएं हाथ में ढंक कर चारों दिशाआें में फैंकें।


चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर थाली रखें। कलश, धूप दीप रखें। कलश में जल भर कर  उसमें गंगाजल, थोड़े से चावल, एक चांदी या प्रचलित सिक्का डाल दें । कलश पर आम के 5 या 7 पत्ते रखें।  पानी वाले नारियल पर 3 या 5 चक्र कलावा या मौली बांधकर कलश पर रख दें। गणेश जी व लक्ष्मी जी तथा श्रीयंत्र रखें। केसर, चंदन से स्वास्तिक बना कर गणेश जी, लक्ष्मी जी व  श्रीयंत्र  को स्थापित करें। लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाएं रखें। गणेश जी पर अक्षत-पुष्प चढ़ाएं। पंचामृत-दूध ,दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान कराएं फिर जल डालें। फिर मौली, जल, चंदन, कुमकुम, चावल, पुष्प, दूर्वा, सिंदूर ,रौली इत्र,धूप दीप,मेवे प्रसाद फल पान, सुपारी, लौंग, इलायची व द्रव्य-11 रुपए बारी-बारी चढ़ाएं। दूध, दही, घी, मधु, शक्कर पंचामृत, चंदन, गंगा जल से प्रतिमा को  स्नान करवाएं। वस्त्र, उपवस्त्र, आभूषण,चंदन, सिंदूर, कुमकुम, इत्र, फूल आदि समर्पित करें। लक्ष्मी जी की प्रतिमा के हर अंग को पुष्प से पूजें।


इस मंत्र का जाप करते जाएं-
आेम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यैे नम:

तेल का एक चौमुखी दीपक और 21 छोटे दीपक जलाएं। आचमन करें। प्रथम मूर्तियों पर तिलक लगा कर फिर अपने व अन्य सदस्यों के कलावा बांधें, तिलक लगाएं। गुरु तथा लक्ष्मी जी का ध्यान करें। मूर्तियों पर चावल, पान, सुपारी, लौंग, फल, कलावा, फल, मिठाई, मेवे आदि चढ़ाएं। अक्षत-पुष्प दाहिने हाथ में लेकर पृथ्वी तथा नव ग्रह- सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु, कुबेर देवता, स्थान देवता, नगर खेड़ा वास्तु देवता, कुल देवी या देवता का आह्वान करें। हाथ जोड़ कर गणपति व अन्य देवी-देवताआें को नमस्कार करें, संकल्प लें। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!