Edited By Jyoti,Updated: 15 Oct, 2022 03:51 PM
हिंदू धर्म में यूं तो हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है परंतु इनमें से कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जो मुख्य माने जाते हैं। जिनमें से एक है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दिवाली का त्यौहार। भारत में इस त्यौहार को...
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हिंदू धर्म में यूं तो हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है परंतु इनमें से कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जो मुख्य माने जाते हैं। जिनमें से एक है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दिवाली का त्यौहार। भारत में इस त्यौहार को खुशियों व एकता का प्रतीक माना जाता है। तो वहीं धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
खासतौर पर कहा जाता है कि जिस घर में साफ-सफ़ाई होती है। वहीं माता लक्ष्मी स्थायी रूप से ठहरती है। इसलिए दीपावली से कुछ दिन पहले साफ-सफाई का काम हर घर में शुरू हो जाता है। ऐसे में घर का साफ होना बेहद जरूरी होता है। तो आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं कि कैसे घर को वास्तु के हिसाब से सजाया जा सकता है जिससे माता लक्ष्मी हमेशा के लिए आपके घर ठहर जाएं।
सबसे पहले हम बात करते हैं बंदनवार के बारे में वास्तु के हिसाब से घर पर तैयार किया बंदनवार बहु ही शुभ होता है। इसे आम के ताजापत्तों और गेंदे के फूलों से तैयार किया जाता है। शास्त्रों में भी आम के पत्तों से बनेबंदनवार शुभ माने जाते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि जब भी बंदनवार बनाएं। उस पर शुभ-लाभ अवश्य लिखें और इसे मुख्य द्वार ही लगाएं।
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दिवाली पर लक्ष्मी और गणेश पूजा का विशेष महत्व होता है। इसलिए पूजा घर की सजावट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कहते हैं कि घर के मंदिर में मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा लगाने से सुख-समृद्धि आती है। और साथ ही गेंदे के फूलों की लड़िया। दरवाजे के दोनों ओर लगाने से माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
बता दें कि घर का उत्तरी हिस्सा धन संपत्ति काद्वार होता है।ऐसे में दिवाली पूजन इसी हिस्से में करें। इसके साथ ही भगवान गणेश की मूर्ति को। महालक्ष्मीकी प्रतिमा के बाएं तरफ। जबकि मां सरस्वती को दाहिनी तरफ रखें।ऐसा करना वास्तु के हिसाब से शुभ माना गया है।
माना जाता है कि पूर्व दिशा की ओर मुख करके अर्चना करना शुभ होता है।और भगवान की प्रतिमा का मुख और दृष्टि पश्चिमदिशा की ओर होनी चाहिए। कहते हैं कि इस प्रकार की गई उपासना हमारे भीतर ज्ञान, क्षमता, सामर्थ्य और योग्यता प्रकट करती है। जिससे हम अपने लक्ष्य की तलाश करके उसेआसानी से हासिल कर लेते हैं।
इसके अलावा दिवाली से पहले आने वाले गुरुवार के दिन व्यक्ति को घर में महालक्ष्मी अष्टमी का पाठ करना चाहिए। और धनतेरस के दिन संभव हो तो। बांस की एक जोड़ी लेकर उसको लाल धागे से बांधकर। घर के मुख्य द्वार के बिल्कुल सामने वाले दीवार पर टांग देने से।घर में पॉजिटिवटी बढ़ती है। इसके साथ ही धनतेरस से पहले यानि।दिवाली से एक दिन पहले शुभ मुहूर्त में। घर की उत्तर दिशा में एक चांदी की कटोरी में मोती डालकर रखने से। घर-परिवार के सदस्यों के जीवन में। धन की बढ़ोत्तरी होती है। और परिवार में खुशहाली का माहौल बना रहता है।.