Edited By Jyoti,Updated: 07 Nov, 2020 12:02 PM
यूं तो ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक यानि समस्त 27 नक्षत्रों का अधिक महत्व होता है। मगर यदि बात अगर पुष्य नक्षत्र की करें तो इसका सबसे खासा महत्व होता है।
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यूं तो ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक यानि समस्त 27 नक्षत्रों का अधिक महत्व होता है। मगर यदि बात अगर पुष्य नक्षत्र की करें तो इसका सबसे खासा महत्व होता है। अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको पहले ये बता चुके हैं इस बार दिवाली से पूरे 7 दिन पहले लग रहा है, जो आज प्रात: 8:04 बजे शुरू होकर अगले दिन यानि रविवार 8 नवंबर को सुबह 8:44 बजे तक रहने वाला है। जिस तरह लोगों को दिवाली त्यौहार का इंतज़ार होता है, ठीक उसी तरह या यूं कहें इससे भी ज्यादाल लोग पुष्य नक्षत्र के लगने का इंतज़ार करते हैं। इसका कारण है कि इस दौरान की जाने वाली खरीददारी का शुभ प्रभाव है। कहा जाता है इस नक्षत्र में खास रूप से खरीददारी आदि की जाती है, इतना ही नहीं इस दिन की गई सोने चांद की खरीदी आगे चलकर दोगुना हो जाती है।
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इसके अलावा देवी लक्ष्मी को आकर्षित व प्रसन्न करने के लिए धातु की खरीददारी की जाती है। मगर शास्त्रों में इसके अतिरिक्त भी ऐसे कुछ कार्यों के बारे में बताया है जिन्हें करना बेहद शुभ प्रभाव देता है। और इन कार्यों की सबसे खास बात ये है कि इन्हें करने के लिए किसी तरह की अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती।
पुष्य नक्षत्र के दौरान जातक को अपने घर की संपत्ति को किसी न किसी तरह से बढ़ाना चाहिए। कहते हैं इस दौरान घर में आई संपत्ति व समृद्धि अनंत होती है।
इस दौरान विवाह को छोड़कर हर तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं, इस दौरान धार्मिक आयोजन करने वाला जातक आर्थिक रूप से उन्नति करता है।
पुष्य नक्षत्र के दिन विभिन्न प्रकार के मंत्रों व यंत्रों आदि का प्रयोग करते हुए पूजा पाठ, जप तप तथा अनुष्ठान आदि करना चाहिए।
खासतौर पर इस दिन देवी लक्ष्मी के श्री यंत्र को खरीद कर विधि विधान से उसकी पूजा आराधना करनी चाहिए। इससे जीवन में समृद्धि आती है।
तो वहीं पुष्य नक्षत्र का ज्ञान और विद्याभ्यास के लिए भी विशेष माना जाता है।