Edited By ,Updated: 29 Oct, 2016 03:16 PM
दीपावली की रात्रि में अपने निवास स्थान के प्रत्येक कक्ष के द्वार तथा मुख्य द्वार पर
दीपावली की रात्रि में अपने निवास स्थान के प्रत्येक कक्ष के द्वार तथा मुख्य द्वार पर गेहूं की ढेरियां बनाकर उसके ऊपर शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें जो रात्रि पर्यंत जले। इससे मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। विश्वास हो तो करें, प्रभु सफलता प्रदान करेंगे।
वास्तुनुसार ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा में पूजन करना सर्वोत्तम होता है। पूर्व-मध्य अथवा उत्तर-मध्य के किसी भी कक्ष में पूजन करना शुभ फल प्रदान करता है। घर का मध्य भाग ब्रह्म स्थान होता है। यहां भी पूजन कर सकते हैं। पूजा के समय पूर्व या पश्चिममुखी रहें तत्पश्चात दीप जलाएं दरिद्र भगाएं।
दीप पूजन करने के बाद पहले मंदिर में दीपदान करें और फिर घर में दीए सजाएं। दीवाली की रात लक्ष्मी जी के सामने घी का दीया पूरी रात जलना चाहिए।
दीपावली की रात घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर बड़े-बड़े दीपक प्रज्जवलित कर लाल रंग की रंगोली से सजाएं। दीपक इतने बड़े होने चाहिए कि सारी रात जगमगाते रहें क्योंकि मां लक्ष्मी दीपावली की रात धरती पर भ्रमण करती हैं और जिस घर में सात्विक वातावरण रहता है। उस घर को अपना स्थायी निवास बना लेती हैं।
दीपावली की रात पीपल के पेड़ पर दीपक अर्पित करें और घर को लौट आएं। किसी भी हालत में पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह उपाय करने से सारा साल आपको धन की कोई कमी नहीं रहेगी।